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हॉस्पिटल में लगी ऐसी आग, कोरोना संक्रमित मरीज भी भीड़ में आ गए

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 30, 2020 11:54:20 am

शहर के रमेश चन्द्र व्यासनगर स्थिति स्वास्तिक होस्पीटल के भूतल में रविवार रात नौ बजे शार्ट सर्किट से लगी आग से अफरातफरी मच गई। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया, लेकिन आग बुझाने में प्रयुक्त सिलेंडर से उठे धुएं से हॉस्पिटल प्रथम मंजिल से लेकर तीसरी मंजिल तक धुंए से भर गया। इसी धुएं के कारण तीसरी मंजिल स्थित कोविड सेंटर में भर्ती मरीज भी नीचे भीड़ में आ गए। Such a fire in the bhilwara hospital, corona infected patients also got into the crowed

 Such a fire in the bhilwara hospital, corona infected patients also got into the crowed

Such a fire in the bhilwara hospital, corona infected patients also got into the crowed

भीलवाड़ा। शहर के रमेश चन्द्र व्यासनगर स्थिति स्वास्तिक होस्पीटल के भूतल में रविवार रात नौ बजे शार्ट सर्किट से लगी आग से अफरातफरी मच गई। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया, लेकिन आग बुझाने में प्रयुक्त सिलेंडर से उठे धुएं से हॉस्पिटल प्रथम मंजिल से लेकर तीसरी मंजिल तक धुंए से भर गया। इसी धुएं के कारण तीसरी मंजिल स्थित कोविड सेंटर में भर्ती मरीज भी नीचे भीड़ में आ गए। Such a fire in the bhilwara hospital, corona infected patients also got into the crowed

आग भर्ती मरीज व उनके परिजन घबरा उठे। ऐसे में हालात कही अधिक विकट हो गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद यहां स्थिति पूर्णत नियंत्रित हो गई। होस्पीटल परिसर में स्थिति सामान्य होने के बाद यहां से निकटवर्ती बांगड़ होस्पीटल में रैफर किए २५ रोगियों को भी वापस यहां ले आया गया।
इसी बीच घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर शिव प्रसाद नकाते, पुलिस अधीक्षक प्रीति चन्द्रा, एडीएम सिटी रिछपाल ङ्क्षसह बुरड़क, नगर परिषद आयुक्त दुर्गा कुमारी तथा सुभाषनगर व प्रतापनगर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। दूसरी तरफ जिला कलक्टर ने शहर मेंं स्थिति निजी चिकित्सालयों में आग की घटना से निपटने के लिए किए गए व्यवस्थाओं की जांच के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने चार सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए, इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, एवीएनएल, नगर परिषद व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को शामिल किया है।
रमेश चन्द्र व्यासनगर में राजीव गांधी ऑडिटोरियम के निकट स्थित तिमंजिला स्वास्तिक होस्पीटल के भूतल से रविवार रात नौ बजे धुआं उठता देख कर यहां मौजूद लोग सन्न रह गए। एकाएक धुआं गहराने से यहां अफरातफरी मच गई। यहां प्रथम,द्वितीय व तृतीय मंजिल पर भर्ती मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए परिजन व स्टाफ मशक्कत करने लगा, वहीं कई लोग तो हो हल्ला करते हुए नीचे सड़क पर आ गए। होस्पीटल की लिफ्ट भी जाम हो गई। केंटीन व वेंटिग हाल में मौजूद भी खुद के बचाव में दौड़ पड़े, आग की खबर कुछ ही देर में क्षेत्र में फैल गई और बड़ी संख्या में लोग चिकित्सालय के बाहर आ गए। सुभाष नगर थाना प्रभारी पुष्पा कसोटिया मय जाप्ते मौके पर आ गई और कुछ ही देर में नगर परिषद की दमकलें भी मौके पर आ गई। होस्पीटल प्रबंधन व पुलिस जाप्ते ने भाग-दौड़ रहे लोगों को समझाया कि आग पर काबू पा लिया गया और होस्पीटल व आस सब लोग सुरक्षित है।
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कलक्टर नकाते व पुलिस अधीक्षक चन्द्रा के साथ ही संबधित विभागों के अधिकारी भी मौके पर आ गए। यहां फैले धुएं को देखते हुए अधिकारियों ने होस्पीटल में भर्ती ६२ मरीजो में से करीब २५ को निकट स्थित बृजेश बांगड़ होस्पीटल में रैफर करने का निर्णय लिया। तत्काल प्रभाव से १५ मरीजों को वहां भेज भी दिया गया। लेकिन एक घंटे में पूरी स्थिति नियंत्रित होने पर यहां मौजूद सभी ने राहत की सांस ली। इसके बाद कई मरीजों को वापस बांगड होस्पीटल से यहां शिफ्ट कर दिया गया।
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स्वास्तिक होस्पीटल के निदेशक डॉ.हरीश मारू ने बताया कि भूतल में ऑक्सिजन प्लांट की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। स्टाफ ने तुरंत तत्परता दिखाई और आग बुझाने में प्रयुक्त सिलेंडर एक के बाद एक १६ खाली कर दिए। इससे आग तुरंत बुझ गई, लेकिन सिलेंडर से उठे धुएं से भूतल के बाद होस्पीटल घिर गया, जिससे लोग भयभीत हो गए। उन्होंने कहाकि एक घंटे में पूरी स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। होस्पीटल में सभी रोगी व उनके परिजन सुरक्षित है।
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कोरोना संक्रमित भी भीड़ में आ गए
स्वास्तिक होस्पीटल की तीसरी मंजिल पर कोरोना संक्रमित मरीजों का वार्ड है। घटना के वक्त वार्ड में २१ मरीज भर्ती थे, लेकिन आग के बाद मची अफरातफरी से अधिकांश मरीज बाहर आ गए और भीड़ का हिस्सा बन गए। होस्पीटल के अनुसार इनमें ९ को बांगड व ४ को कृष्णा होस्पीटल में रैफर किया गया, जबकि एक घर चला गया, वही सात अभी भी यहां होस्पीटल में उपचारत है।
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पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

शहर में संस्थानों में आग बुझाने के नाम पर महज कागजी नोटिस जारी होने की कटू सच्चाई राजस्थान पत्रिका ने २८ नवम्बर २० को ही ‘कागजों में निपट रहे है आपदा, नोटिस बेअसरÓ शीर्षक से उठाई थी। इसमें खुलासा किया गया था कि शहर में व्यवसायिक गतिविधि स्थलों पर आग से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है और नगर परिषद भी सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही है।

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