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टैबलेट और साइकिल योजना अटकी, आधा सत्र बाद भी छात्रों को इंतजार

मेधावी विद्यार्थी अब भी लाभ से वंचित

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Tablet and bicycle plans stalled, students still waiting after half a semester

Tablet and bicycle plans stalled, students still waiting after half a semester

राज्य सरकार की ओर से घोषित टैबलेट और साइकिल योजनाएं अब तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी हुए पांच महीने बीतने के बावजूद मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट वितरण का काम शुरू ही नहीं हुआ है। राज्य में नए ज़िलों के गठन के बाद मेधावी विद्यार्थियों की कुल संख्या बढ़कर 2400 से अधिक हो गई है, इसके चलते टैबलेट की मांग और वित्तीय भार दोनों बढ़े हैं। विभाग का प्रस्ताव अभी भी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के इंतजार में लंबित हैं।

1500 से अधिक विद्यार्थी टैबलेट की प्रतीक्षा में

जिलेवार आंकड़ों के अनुसार विभिन्न जिलों जिनमें भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, जयपुर ग्रामीण आदि शामिल हैं, में करीब 1500 विद्यार्थी टैबलेट योजना के तहत लाभ की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से अब तक जिलों से विद्यार्थियों की सूची और संबंधित विवरण भी नहीं मांगे गए हैं, जबकि सामान्यतः टैबलेट वितरण से पहले जिला शिक्षा कार्यालयों में तैयारी का काम शुरू हो जाता है।

साइकिल योजना पर भी ‘ब्रेक

कक्षा 8वीं उत्तीर्ण छात्राओं को साइकिल वितरण के लिए चालू वर्ष में भी विभाग टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है। ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाली अनेक छात्राएं रोजाना पैदल या निजी साधनों के सहारे स्कूल पहुंच रही हैं।

आदेश मिलते ही शुरू होगी प्रक्रिया

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विभाग की ओर से अभी तक टैबलेट या साइकिल वितरण संबंधी किसी तरह का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही विभाग से आदेश प्राप्त होंगे, चयनित छात्र-छात्राओं को सूचित कर वितरण प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी।

सिन्धुनगर में पड़ी साइकिलें

सरकारी योजनाओं में बालिकाओं को मिलने वाली साइकिलों के वितरण में हुई देरी का खामियाजा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सिन्धुनगर (छोटी राजेन्द्र मार्ग) के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। वितरण शुरू न होने से पिछले शिक्षा सत्र की 48 साइकिलें स्कूल के एक कमरे में रखी हुई हैं, जिसने कक्षा को 'गोदाम' बना दिया है। जगह की कमी के कारण छात्र-छात्राएं कमरे के एक कोने में फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।