
मेजा बांध की नहर सफाई के बाद फिर हुई शुरू
भीलवाड़ा।
नहर के पानी से जलमग्न हुई बापूनगर कॉलोनी में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। घरों में भरा पानी खाली हुआ है। लापरवाही झेल चुके जल संसाधन विभाग की अब नींद खुली है। बंद की गई नहर में दुबारा से मेजा बांध का पानी रविवार देर रात छोड़ दिया गया। हालांंकि चोट खाए विभाग ने पानी का गेज तीन फीट ही रखा है। इससे आधी नहर ही बह रही है। विभाग धीरे-धीरे गेज बढ़ाएगा। नहर का पानी सोमवार शाम को रूपाहेली तक पहुंच गया है। इससे पहले शुक्रवार रात दाई नहर में पानी छोड़ते समय उसका गेज साढ़े चार फीट रखा गया था।
भारत संचार निगम ने नहर की सफाई के दौरान एक्सक्वेटर मशीन चलने से टूटी केबल ठीक कर दी है। खामोश हुए आठ सौ फोन घनघनाने लग गए। वहीं जलदाय विभाग को टूटी पाइप लाइन को ठीक करने में पसीने छूट गए। लाइन ठीक होने के बाद इलाके में जलापूर्ति की गई। उधर, नहर से सफाई के दौरान निकाला मलबा सड़क पर पड़ा हुआ है। उसे अधिकारियों और जल संसाधन विभाग ने उठवाया ही नहीं। मलबा आवागमन में बाधा बन रहा है। गंदा पानी कॉलोनियों में घुसने अभी वहां गंदगी के ढेर पड़े है। इलाके में मच्छरों की भरमार हो गई है। वहीं मौसमी बीमारी फैलने का भी अंदेशा बना हुआ है।
जिम्मेदार अफसर हो निलंबित
बापूनगर में पानी घुसने से नुकसान को लेकर जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष राजेश चौधरी ने कलक्टर से मांग कि है कि गम्भीर लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारी अफसरों को निलंबित किया जाए। नुकसान की भरपाई उनके वेतन से की जाए। जल वितरण कमेटी की बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 80 लाख रुपए खर्च करके नहरों की सफाई थी। बावजूद यह हालात बनना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। उधर, भाजपा उपाध्यक्ष लादूलाल तेली ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों पर शीघ्र व कठोर कार्रवाई की मांग की। तेली ने आरोप लगाया कि मरम्मत के नाम पर खर्च की गई राशि में हेराफेरी की गई है। लाखों लीटर अमूल्य पानी बर्बाद हो गया।
Published on:
23 Oct 2017 11:27 pm
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