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नारकोटिक्स विभाग ने फसल हंकाई के लिए किसानों से 5 मार्च तक आवेदन मांगे -चौथी बार पूरी फसल हंकवा दी तो अगले साल नहीं मिलेगा पट्टा

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नारकोटिक्स विभाग ने फसल हंकाई के लिए किसानों से 5 मार्च तक आवेदन मांगे -चौथी बार पूरी फसल हंकवा दी तो अगले साल नहीं मिलेगा पट्टा

भीलवाड़ा।

नारकोटिक्स विभाग के प्रावधानों के अनुसार यदि किसान ने लगातार चौथे साल भी बोई अफीम की पूरी फसल हंकवा दी तो उसे अगले साल फसल उत्पादन के लिए पट्टा जारी नहीं होगा। नारकोटिक्स विभाग ने प्रदेश में ओलावृष्टि, शीतलहर, रोग या अन्य कारणों से खराब होने के कारण इच्छुक किसानों से फसल की हंकाई के लिए 5 मार्च तक किसानों से आवेदन मांगे है। विभाग फसल हंकाई का कार्य 10 मार्च से शुरू करेगा।

आधी फसल हंकाई के लिए नए नियम

इस साल के लिए लागू नीति के तहत जो किसान चालू वर्ष समेत अगले तीन साल तक लगातार आधी फसल से ज्यादा की हंकाई कराते है तो उन्हें वे वर्ष 2021-2022 में फसल के पट्टे के लिए अयोग्य हो जाएंगे।

इतनी उपज देनी होगी


इस साल अफीम की खेती करने वाले किसान को 5.9 किलोग्राम मार्फिन प्रति हेक्टेयर की न्यूनतम औसत उपज देना जरूरी होगा। यदि वह इससे कम मात्रा में उपज देता है तो अगले साल फसल के लिए उसका पट्टा निरस्त हो जाएगा। इस वर्ष अफीम के अन्दर मार्र्फिं न की मात्रा के आधार पर ही किसानों को राशि का भुगतान किया जाएगा।

20 के बाद ही आएंगे आवेदन


प्रदेश में अभी किसानों ने फसल हंकाई के लिए नारकोटिक्स कार्यालयों में आवेदन नहीं किए है। हालांकि शीतलहर, ओलावृष्टि और कीट-रोगों की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में अफीम की फसल को 15 से 20 फीसदी का नुकसान है। जानकारों का कहना है कि किसान अभी मौसम का मिजाज देख रहे है। चूंकि फसल की हंकाई के लिए जरूरी है कि अफीम की फसल में आए डोडे में चीरा नहीं लगा होना चाहिए। चूंकि अभी डोडे छोटे है। इनमें चीरा लगाने और दूध संग्रहण का कार्य २० फरवरी के बाद भी शुरू हो पाएगा, तब फसल की स्थिति को देखकर किसान निर्णय करेंगे। विभाग के अनुसार यदि किसान चाहे तो दस मार्च से पहले भी अपनी फसल हंकवा सकता है।


पूर्व में जारी कर दी चेतावनी


नारकोटिक्स विभाग हर साल अफीम की फसल के लिए नई नीति जारी करता है। चालू फसल वर्ष के लिए विभाग ने गत वर्ष सितम्बर में नीति जारी की थी। इस नीति में पट्टाधारी किसानों के लिए पूर्व में ही कई चेतावनी जारी कर दी गई। इसमें स्पष्ट कहा गया कि जो किसान लगातार तीन साल से पूरी फसल हंकवा रहे है, यदि वे इस साल भी पूरी फसल हंकवाते है तो उन्हें अगले साल फसल के लिए पट्टा नहीं मिलेगा। फसल की स्थिति को देखकर किसान पूरी, आधी या उसका कुछ हिस्सा विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हंकवाता है। अधिकारी- कर्मचारी अपनी मौजूदगी में फसल को नष्ट करते है।