इनके लिए मांगी आपत्तियां न्यास ने रामप्रसाद लढा नगर के व्यावसायिक भूखंड संख्या एसइसी-3-1 को छोड़ते हुए शेष 3 ईसी-1 से 3-ईसी-16 जिसका माप 20 गुणा 40 है। अभियांत्रिक शाखा की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार इस योजना में संशोधन किया है। इसमें भूखंडो का आंशिक संशोधन करने के लिए आम सूचना के माध्यम से 16 भूखंड धारकों से संशोधन ले-आउट के लिए किसी भी व्यक्ति को आपत्ति हो तो 15 दिवस में न्यास में अपनी आपत्ति मय दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते है।
सवाल 20 हजार वर्ग फीट के भूखंड को छोड़ा विभाग के अधिकारियों ने न्यास सचिव को पत्र लिखकर सवाल किया है कि बड़े भूखंड से निकल रही नहर के साथ छेड़छाड़ की गई है। करीब 20 हजार 480 वर्ग फीट के भूखंड में से 3 हजार वर्ग फीट जमीन जल संसाधन विभाग की है। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए की है। विभाग के अधिकारियों ने अपनी जांच में माना था कि भूखंड मालिक को उत्कृत करने के लिए विभाग के अधिकारियों ने भूखंड से निकल रही माईनर नहर की रीच चैन संख्या 30 से 32 के अलाइनमेंट को ही बदल दिया। इसकी सहमति भी विभाग के अधिकारियों ने भूंखड धारक को दी है। मजेदार बात यह है कि इस भूखंड की जांच रिपोर्ट में अधिशाषी अभियंता छोटूलाल कोली ने खसरा संख्या 7433 पर किसी तरह का अतिक्रमण न होने की बात कहीं थी।
यह भी हो रहा अतिक्रमण विभाग ने वर्ष 2023 में मेजा की नहरो का निरीक्षण किया। इसमें आवरी माता चौराहा पर विभाग की जमीन के भूखंड संख्या 4/471 आराजी नंबर 471 बिलिया खुर्द में अतिक्रमण कर बाउड्री का निर्माण करने। भूखंड संख्या 3/471, 7/471 ग्राम बिलिया खुर्द में विनित ने पेडो को काटकर बाउण्ड्री वाल का निर्माण करने। पुर माइनर की रीच 49 चैन पर भगवती ने नहर से पेडों को उखाड़ कर कॉलोनी बसाने। इसी प्रकार चैन 49 से 55 तक राधेश्याम ने नहर को प्लेन कर कॉलोनी बसाई जाने की बात सामने आई है।