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ररखरखाव को तरसा मेवाड़ का स्वागत द्वार, ऐसे में कैसे फैलेगी कीर्ति

नाथद्वारा से भीलवाड़ा आते समय मेवाड़ का स्वागत द्वार कहलाने वाले भीलवाड़ा के पुर रोड िस्थत परिवहन कार्यालय चौराहे पर सबसे बड़े संयम कीर्ति स्तम्भ व आचार्य विद्यासागर सर्किल दुर्दशा का शिकार है।

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ररखरखाव को तरसा मेवाड़ का स्वागत द्वार, ऐसे में कैसे फैलेगी कीर्ति

ररखरखाव को तरसा मेवाड़ का स्वागत द्वार, ऐसे में कैसे फैलेगी कीर्ति

भीलवाड़ा। नाथद्वारा से भीलवाड़ा आते समय मेवाड़ का स्वागत द्वार कहलाने वाले भीलवाड़ा के पुर रोड िस्थत परिवहन कार्यालय चौराहे पर सबसे बड़े संयम कीर्ति स्तम्भ व आचार्य विद्यासागर सर्किल दुर्दशा का शिकार है। करीब 47.5 फीट ऊंचे कीर्ति स्तम्भ की कीर्ति दूर-दूर तक फैलने में यहां उगी झाडि़यां रूकावट है।

सर्किल से एक रास्ता भीलवाड़ा शहर को आता है तो दूसरा नाथद्वारा व उदयपुर जाता है। एक रास्ता अजमेर की ओर जाता है। मुख्य मार्ग पर होने पर भी चार साल से सर्किल विकास को तरस रहा है। 14 फीट के प्लेटफार्म पर 33 फीट ऊंचे कीर्ति स्तम्भ का निर्माण 3 जून 2018 को शुरू हुआ। 5 नवम्बर 2018 को पूरा हो गया। इस पर लाखों रुपए व्यय किए गए। निर्माण दिगम्बर समाज के सहयोग से कराया गया। नगर विकास न्यास ने सर्किल का नाम आचार्य विद्यासागर किया था, लेकिन कीर्ति स्तम्भ के निर्माण के बाद यहां कोई काम नहीं हो सका। चारों ओर से सड़क भी टूटी है। चालक ही नहीं बल्कि दिन भर धूल उड़ने से आसपास के दुकानदार व होटल व्यवसायी भी परेशान है।