24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यह चोरी नहीं, हाईटेक खतरे का है संकेत

This is not theft, it is a sign of high-tech danger. राजस्थान में सूने मकान से तीन करोड़ का माल समेटने की वारदात का खुलासा हो गया है, लेकिन वारदात को अंजाम देने के तरीके ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। चोरों ने यह वारदात गूगल से लोकेशन लेकर एवं लेजर से घर की रैकी कर अंजाम दी है।

2 min read
Google source verification
यह चोरी नहीं, हाईटेक खतरे का है संकेत

यह चोरी नहीं, हाईटेक खतरे का है संकेत

राजस्थान में सूने मकान से तीन करोड़ का माल समेटने की वारदात का खुलासा हो गया है, लेकिन वारदात को अंजाम देने के तरीके ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। चोरों ने यह वारदात गूगल से लोकेशन लेकर एवं लेजर से घर की रैकी कर अंजाम दी है।

भीलवाड़ा जिले के सुभाषनगर थाना पुलिस ने बीस दिन पहले कपड़ा व्यवसायी के सूने मकान में हुई तीन करोड़ की नकबजनी का खुलासा कर अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत तीन जनों को गिरफ्तार किया।

आरोपी भोपाल के रहने वाले हैं और नकबजनी की पचास से अधिक वारदात की। इनमें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्य शामिल हैं। ये लोग हाई प्रोफाइल तरीके से वारदात को अंजाम देते थे। इन पर बीस से अधिक मुकदमे दर्ज है। पकड़े आरोपियों पर भीलवाड़ा पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।

पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू ने बताया कि 3 सितम्बर को विजयसिंह पथिकनगर के सेक्टर ए गेट नम्बर 17 के निकट कपड़ा व्यवसायी दामोदर लढ़ा परिवार समेत दोपहर में फार्म हाउस पर पिकनिक मनाने गए थे। पीछे से चोरों ने सूने मकान का ताला तोड़ा व तीन किलो सोना, 40 लाख नकद समेत करीब तीन करोड़ का माल पार कर ले गए थे। परिवार को रात में लौटने पर चोरी का पता लगा। अति. पुलिस अधीक्षक विमलसिंह नेहरा की अगुवाई में विशेष टीम ने अनुसंधान के बाद भोपाल निवासी अनूपसिंह राजपूत, अमितसिंह राजपूत तथा राकेश कुशवाह को गिरफ्तार किया।


पुलिस ने मामले को चुनौती माना। स्थानीय नकबजनों को टटोला, लेकिन उनसे कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया। एक हजार किलोमीटर चलकर 100 स्थानों पर लगे करीब डेढ़ हजार सीसी कैमरे खंगाले। उसके बाद आरोपियों की पहचान हुई। इस पर अलग-अलग टीमें बनाकर भोपाल, ग्वालियर, झांसी, कोटा, शिवपुरी, राजगढ़ में सात दिन तक चौबीस घंटे टीम ने कैंप किया।


पूछताछ में नकबजनी के तरीके सुन पुलिस अफसर हैरान रह गए। आरोपियों ने बताया कि चोरी के लिए जिस शहर में जाते, पहले गूगल से वहां के रास्ते और पॉश कॉलोनियां तलाशते। गूगल के जरिए ही पॉश कॉलोनी में आलीशान मकान को टारगेट करते। टारगेट सेट होते ही मकान की रैकी शुरू कर देते। ये उस घर पर लेजर किरण डालकर पता करते की कोई अंदर है या नहीं। व्यवसायी दामोदर लढ़ा के घर को भी कुछ इसी तरह से गूगल से सर्च कर तलाशा। रैकी की और परिवार के घर नहीं होने की तसल्ली के बाद अंदर प्रवेश किया। घर में प्रवेश से पहले हाथों में दस्ताने पहने ताकि सबूत नहीं छूटे। गिरोह दस मिनट में चोरी कर निकलने में माहिर है। ये वारदात के बाद शहर छोड़ देते थे। गिरोह में अन्य लोग हैं, जिनके बारे में पता किया जा रहा है। घर से चुराई नकदी व गहने के बारे में पता किया जा रहा है।

जेल से निकले और वारदात शुरू

अनूपसिंह गिरोह का सरगना है। लग्जरी गाड़ी में एमपी से चोरी करने निकलते थे। इनमें अनूप अगस्त तथा अमित जुलाई में इंदौर जेल से बाहर आए। बाहर आते ही वापस चोरी शुरू कर दी। दोनों के खिलाफ बीस से अधिक मामले कई राज्यों में है। चोरी में मिले माल से मौज-शौक पूरा करते थे। महंगे मोबाइल रखना, लग्जरी गाडि़यों में घूमना, अय्याशी करना और महंगी शराब पीना आदत में शामिल है।