
This is the first Jain temple of Rajasthan....where Swasti Dham Jain temple is built in the shape of a ship
श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र स्वस्तिधाम मंदिर जहाजपुर न केवल जैन समाज बल्कि सर्व समाज के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। शाहपुरा-जहाजपुर मार्ग पर स्थित यह जहाजनुमा मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के कारण पूरे देश में विशिष्ट ख्याति रखता है। सालभर देशभर से अनुयायी यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन दस लक्षण पर्व के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।
दस दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर
आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी के सानिध्य में यहां 6 सितम्बर तक दस दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर आयोजित हो रहा है। इसमें देशभर से 1200 से अधिक श्रावक हिस्सा लेंगे। शिविर प्रतिदिन सुबह 5 बजे योग व ध्यान से प्रारम्भ होगा। इसमें जिन अभिषेक, सामूहिक पूजन और प्रवचन होंगे। दोपहर ढाई बजे तत्वार्थ सूत्र व षट्ढाला का आयोजन होगा। शाम को संध्या प्रतिक्रमण, आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
रात होते ही बदलता जहाज का रंग
सांझ ढलते ही मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठता है। परिसर में बने फव्वारों की फुहार से माहौल और भी मनमोहक हो जाता है। इस अद्भुत नजारे को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं।
आकर्षक बनावट और ऐतिहासिक महत्व
मंदिर द्वार पर भव्य मानस्तंभ है। सफेद पत्थरों से बना विशाल प्रवेश हॉल है। हॉल में 1008 प्रतिमाओं वाली सहस्त्रकूट वेदिया स्थापित है। दूसरे तल पर मुख्य वेदी में भगवान मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा। दाईं ओर आदिनाथ भगवान व बाईं ओर महावीर भगवान की प्रतिमा है। शीर्ष पर 24 तीर्थंकरों की 24 वेदियां स्थापित है।
निर्माण यात्रा
पर्यटन व आस्था का केंद्र
कैसे पहुंचे जहाजपुर जैन मंदिर
Published on:
31 Aug 2025 12:02 pm
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