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बजरी माफिया से कर ली सांठगांठ, थाने से हटे ही नहीं हो गए निलंबित

बजरी माफियों से मिलीभगत कर उनको शरण देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर ने माण्डलगढ़ थाने के दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिराई। इनमें एक हैड कांस्टेबल शामिल है। दोनों ने बजरी से भरा ट्रैक्टर पकड़ा कर सांठगांठ करके उसे छोड़ दिया।

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Tie-up with gravel mafia, not suspended from station

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भीलवाड़ा. बजरी माफियों से मिलीभगत कर उनको शरण देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर ने माण्डलगढ़ थाने के दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिराई। इनमें एक हैड कांस्टेबल शामिल है। दोनों ने बजरी से भरा ट्रैक्टर पकड़ा कर सांठगांठ करके उसे छोड़ दिया। प्रारंभिक जांच में दोनों दोषी पाए गए।

पुलिस अधीक्षक महावर ने बताया कि थाने के हैड कांस्टेबल राम बाबू और कास्टेबल राहुल कुमार को निलंबित कर दिया गया। इन पर आरोप था कि दोनों ने बजरी से भरा ट्रैक्टर पकड़ा था। इस बारे में थानाप्रभारी रोहिताश देवंदा या अन्य उच्चाधिकारियों को बताया ही नहीं। मिलीभगत करके चाल को ट्रैक्टर के साथ रवाना कर दिया। इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची। शिकायत की प्रारंभिक जांच करवाई गई। उसमें दोनों दोषी पाए गए। उसके बाद निलंबन के आदेश जारी किए। दोनों को पुलिस लाइन में हाजिरी देने के आदेश दिए गए है। जिले में बजरी माफियों के कारण जहाजपुर उपखण्ड अधिकारी के चालक और आरजिया के निकट अंशल कॉलोनी में रहने वाले किशोर की जान जाने के बाद पुलिस व प्रशासन हरकत में आया हुआ है। मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव ने भी पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के आदेश दिए थे। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि बजरी माफियों के पनपने के पीछे पुलिस जिम्मेदार है।