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जिस विद्यालय से पढ़े, आज वहीं प्राचार्य बन दी मिसाल

प्रधानाचार्य बनकर विद्यार्थियों को नई दिशा दे रहे शर्मा

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Today she has become an example by becoming the principal of the school where she studied

Today she has become an example by becoming the principal of the school where she studied

शिक्षक का असली गौरव तभी है जब वह अपने ही विद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाए। कस्बे के पीएमश्री राउमावि मांडल में यह सपना सच कर दिखाया प्राचार्य विनीत शर्मा ने। करीब 25 साल पूर्व विद्यार्थी बनकर इसी विद्यालय से शिक्षा ली और अब उसी विद्यालय में प्रधानाचार्य बनकर विद्यार्थियों को नई दिशा दे रहे। शर्मा ने साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति और नवाचार हो तो सरकारी विद्यालय भी उत्कृष्टता की मिसाल बन सकते हैं।

विद्यार्थी से प्राचार्य तक का सफर

वर्ष 1991 से 1995 तक कक्षा 9 से 12 तक अध्ययन किया। वर्ष 2005 में शिक्षक भर्ती परीक्षा से शिक्षा सेवा में आए। वर्ष 2018 से मांडल में कार्यरत। जनवरी से मई 2025 तक राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में उपनिदेशक पद संभाला। पुनः मांडल लौटकर प्रधानाचार्य का दायित्व ग्रहण किया। पूर्व विद्यार्थियों को विद्यालय से जोड़कर उन्हें भामाशाह के रूप में प्रेरित किया। उनके सहयोग से विद्यालय को जर्जर अवस्था से बाहर निकाल जीवंत बनाया। विद्यालय में उद्यान विकसित कर पौधारोपण करवाया। विद्यालय परिसर को संपूर्ण रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाए। विद्यालय की प्रमुख गतिविधियों को प्रचारित कर सरकारी विद्यालयों के प्रति आमजन की सोच बदली। नामांकन में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई। विद्यालय का चयन पीएमश्री योजना में हुआ।