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शौचालयों में रेट्रोफिटिंग के तहत होगा बदलाव

- प्रदेश के 50 लाख शौचालयों में होगा सुधार- 22500 करोड़ होंगे खर्च, प्रति शौचालय 4500 रुपए

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Toilets will change under retrofitting in bhilwara

Toilets will change under retrofitting in bhilwara

भीलवाड़ा।
Toilets will change under retrofitting प्रदेश में ५० लाख परिवार एकलगड्ढा शौचालयों से जुड़े हैं, इनको कुछ माह में दोहरे गड्ढों से जोड़ा जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन विभाग (एसबीएम) इस बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा। इस योजना पर २२ हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय होगी।

एसबीएम ऐसे शौचालयों को सही तकनीक के साथ अपग्रेड (रेट्रोफिटिंग) करने के लिए प्रति शौचालय साढ़े चार हजार रुपए के हिसाब से प्रदेश के ५० लाख शौचालयों पर २२ हजार ५०० करोड़ रुपए खर्च होंगे।

पहले चरण में यह राशि ग्राम पंचायत स्तर पर एसटी, एससी व बीपीएल परिवार को मिलेगी। उसके बाद अन्य परिवारों के यहां सेफ्टी टैंक से निकलने वाले दूषित पानी को रोकने के लिए टैंक के पास गड्ढा बनाया जाएगा, जो कि गंदे पानी को सोख ले। प्रदेश में बनवाए गए एक करोड़ से अधिक शौचालयों में से ५० लाख एकल गड्ढे वाले हैं। हालांकि भीलवाड़ा जिले में अधिकांश शौचालय दोहरे गड्ढे वाले हैं, फिर भी सर्वे करवाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में बने सेफ्टी टैंकों को भी सोखते गड्ढे से जोड़ा जाएगा।

ये पांच बड़े काम होंगे
Toilets will change under retrofitting दरअसल, पहले बने शौचालयों में एक गड्ढा होने से गंदगी व पानी का रिसाव हो रहा है। इस गंदगी से पर्यावरण दूषित होने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) गांवों के मुकाबले गैर ओडीएफ गांवों में भूजल गंदगी 12.7 गुना अधिक है। इसे खत्म करने के लिए रेट्रोफिटिंग योजना लागू की गई है। इसके तह पांच बड़े कार्य खुले में शौचमुक्त, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, इस्तेमाल हो चुके पानी का प्रबंधन एवं मल कीचड़ प्रबंधन होंगे। रेट्रोफिटिंग तकनीक से दोहरे गड्ढे में से एक में मल जाएगा व दूसरे में पानी जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से पानी जमीन में उतारा जाएगा।

यह होगा कार्य
जिले में सर्वे करवाया जा रहा है। पूर्व में बने शौचालयों को दोहरे गड्ढे में तब्दील किया जाएगा। सेप्टिक टैंक के पानी को सोख्ता गड्ढे में डालने की तकनीक शुरू होगी। इसके अलावा शौचालय में अरबन सीट को रूरल सीट में बदलने के साथ वाई जंक्शन चैम्बर, पाइप लगाए जाएंगे।
गोपालराम बिरड़ा, सीईओ, जिला परिषद, भीलवाड़ा