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खेती के लिए किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर व यंत्र

सहकारिता विभाग ने दी स्वीकृतिभीलवाड़ा में 14 केंद्र खुलेंगे, हर केंद्र पर खर्च होंगे 10 लाख रुपए

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खेती के लिए किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर व यंत्र

खेती के लिए किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर व यंत्र

भीलवाड़ा।
राज्य सरकार किसानों को खेती के लिए ट्रैक्टर व विभिन्न कृषि यंत्र वाजिब किराए पर उपलब्ध कराएगी। सरकार प्रदेश के 27 जिलों में 233 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) खोलेगी। प्रत्येक केंद्र की स्थापना पर 10 लाख रुपए खर्च होंगे। सभी केंद्रों की स्थापना पर 23.30 करोड़ रुपए खर्च आएगा। सर्वाधिक 18 केंद्र राजसमंद तथा सबसे कम तीन-तीन केंद्र सवाई माधोपुर व टोंक जिले में स्वीकृत किए हैं। भीलवाड़ा जिले में 14 सेंटर की मंजूरी मिली है।
सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने हाल ही स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 में बजट में तीन साल में एक हजार कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की घोषणा की थी। इनकी स्थापना ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) के माध्यम से होनी है। कुल लागत दस लाख में से छह लाख रुपए केंद्र सरकार तथा दो लाख रुपए राज्य सरकार देगी। शेष दो लाख रुपए समिति वहन करेगी। इस राशि से समिति अपने स्तर पर ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, सीड ड्रिल, स्ट्रा रीपर, ***** आदि उपकरणों की खरीद करेगी। उनका संचालन भी समिति को ही करना होगा। सरकार ने किराया तय करने का अधिकार भी समिति को ही दिया है। यह किराया बाजाद दर से कम होगा, ताकि किसानों को वाजिब किराए पर कृषि उपकरण मिल सके।
भीलवाड़ा में यहां खुलेंगे सेंटर
फलासिया (जहाजपुर), बीगोद, खटवाड़ा, बरुंदनी (मांडलगढ़), कोट, देवरिया (रायपुर), बेमाली, सेणुंदा (करेड़ा), ढीकोला, गिरडिय़ा (शाहपुरा), परासोली (आसींद), कुंडिया कला, सरदार नगर (बनेड़ा), बिशनियां (कोटड़ी)।
जिला समिति करेगी मॉनिटरिंग
केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधिशासी अधिकारी आशुतोष मेहता ने बताया कि योजना का नोडल ऑफिसर भीलवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजिंग डायरेटर को बनाया गया है। योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग एवं खरीदे कृषि यंत्रों के संयुक्त सत्यापन के लिए जिला स्तरीय मॉनिटरिंग (कस्टम हायरिंग) समिति का गठन किया गया है। इसके समन्वयक संबंधित सीसीबी एमडी तथा सदस्य कृषि विभाग के उप निदेशक तथा सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार होंगे।
किसानों को होगा लाभ
जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की स्वीकृति जारी कर दी है। इन सेंटर से किसानों को वाजिब किराए पर कृषि यंत्र मिलेंगे। इससे किसानों को काफी लाभ होगा।
अनिल काबरा, प्रबन्ध संचालक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक