यूआईटी ने जनता को बेहतर सुविधा देने और दलालों को न्यास परिसर से मुक्त कराने का दावा करते हुए गत शुक्रवार को नई व्यवस्था लागू की थी। नई व्यवस्था के तहत जनता के लिए केस काउंटर व सिंगल विंडो खोले गए, जबकि भीतरी हिस्से में दोपहर तीन बजे से पहले उनका प्रवेश निषेध किया गया था।
यूआईटी के नई व्यवस्था एक जून के लागू करने के साथ ही विरोध के सुर भी तेज हो गए। लोग यहां यूआईटी के मुख्य परिसर में जाने के लिए सुरक्षा कर्मियों से उलझने लगे। इससे दो दिन से यहां हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। नई व्यवस्था आमजन के साथ दलालों को भी रास नहीं आई। नगरीय एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी के सामने सोमवार को पत्रिका से बातचीत में नई व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई और यूआईटी को सलाह दी कि वे जनता से जुड़ी संस्था को समय में न बांधे और किसी को नाराज ना करें।
अधिकारियों ने कहा- नई व्यवस्था से दलालों पर अंकुश लगा यूआईटी चेयरमैन खंडेलवाल को मंगलवार को जब मंत्री के नाराज होने की जानकारी मिली तो उन्होंने न्यास अधिकारियों के साथ मंगलवार शाम को बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि नई व्यवस्था का समर्थन किया और कहा कि इससे जनता को राहत मिली है, दलालों पर अंकुश लगा है और फाइलों के निस्तारण में गति आई है। लेकिन चेयरमैन खंडेलवाल ने बुधवार से वापस पहले वाली वयस्था ही लागू करने का निर्णय लिया। इसके तहत आगंतुक अपने काम के सिलसिले में कार्यालय समय में कभी भी आ सकते हैं।
सबको साथ लेकर चलना जरूरी
नवाचार अच्छा था। इसके आगामी दिनों में बेहतर परिणाम आते, लेकिन अभी सब को साथ लेकर चलने की जरूरत है। इसी कारण गत शुक्रवार को शुरू की गई व्यवस्था समाप्त कर दी गई। इसके स्थान पर जो नई व्यवस्था की गई, उसमें लोगों के यूआईटी परिसर में आने जाने पर सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक कोई रोक नहीं रहेगी। हालांकि चेयरमैन, सचिव व अपील अधिकारी से मिलने का समय दोपहर 3 बजे से दोपहर 5 बजे ही रहेगा।
नवाचार अच्छा था। इसके आगामी दिनों में बेहतर परिणाम आते, लेकिन अभी सब को साथ लेकर चलने की जरूरत है। इसी कारण गत शुक्रवार को शुरू की गई व्यवस्था समाप्त कर दी गई। इसके स्थान पर जो नई व्यवस्था की गई, उसमें लोगों के यूआईटी परिसर में आने जाने पर सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक कोई रोक नहीं रहेगी। हालांकि चेयरमैन, सचिव व अपील अधिकारी से मिलने का समय दोपहर 3 बजे से दोपहर 5 बजे ही रहेगा।
गोपाल खंडेलवाल, यूआईटी चेयरमैन