
Unique initiative: More than 90 percent of the test results will be same
शिक्षा विभाग ने विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ावा देने एवं जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से संस्था प्रधानों और शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा के लिए नवीन मानदंड तय किए हैं।
शैक्षिक सत्र 2024-25 से प्रभावी होने वाले इन प्रावधानों के तहत उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले संस्था प्रधानों को विभाग की ओर से समान स्वरूप प्रमाण-पत्र देकर प्रोत्साहित करेंगे।
यह रहेगा प्रमाण पत्र का मापदंड
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी विद्यालय में कक्षा 12वीं और 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में क्रमश: 90 प्रतिशत या उससे अधिक विद्यार्थी सफल होते हैं तथा कक्षा 8वीं और 5वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी ए ग्रेड प्राप्त करते हैं, तो उस विद्यालय के संस्था प्रधान को ‘‘श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम’’ की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। विभाग की ओर से प्रमाण-पत्र प्रदान कर समानित किया जाएगा। यह मानदंड विद्यालय की चारों प्रमुख कक्षाओं के समेकित परीक्षा परिणाम के आधार पर तय किया जाएगा।
शिक्षकों के लिए यह प्रावधान
एडीपीसी डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर ने बताया कि जिन शिक्षकों के पढ़ाए गए विषयों में कक्षा 10वीं व 12वीं का परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक और कक्षा 5वीं व 8वीं में 95 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को ग्रेड प्राप्त होता है, उन्हें भी प्रमाण-पत्र देकर समानित किया जाएगा। इन नए दिशा-निर्देशों के माध्यम से शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
Published on:
09 Jun 2025 09:22 am
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