मौसम ने बिगाड़ी सब्जियों की गुणवत्ता
प्रदेश में मई के अंतिम सप्ताह में चली तेज़ लू और भीषण गर्मी से सब्जियों की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। सिंचाई के बाद भी सब्जियों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। यही कारण है कि बाजार में मांग के बावजूद सब्जियां कम आ रही हैं। 15 दिन में कई सब्जियों के थोक और खुदरा दामों में 30 से 40 प्रतिशत तक बढोतरी हुई़ है। रही सही कसर पिछले दिनों हुई बारिश के बाद रोग-कीट का प्रकोप बढ़ने से हो गई। इसके चलते लौकी, टिंडा, तुरई, ग्वारफली, चंवला फली जैसी गर्मी की प्रमुख सब्ज़ियां खराब हो गईं।
किसानों की पीड़ा, नहीं मिल रहे भाव
किसान दीपक माली ने बताया कि जहां एक ओर उत्पादन कम हुआ है, वहीं जो फसल बची हैं, उसकी गुणवत्ता इतनी खराब हो गई कि व्यापारी उन्हें सही कीमत नहीं दे रहे। कई जगहों पर किसानों को सब्जियों की लागत मिल पाना मुश्किल हो गया है। व्यापारियों की मानें तो बारिश के सीजन में नई सब्जियां तैयार होने के बाद ही लोगों को गुणवत्ता परक सब्जियां मिल सकेंगी। खुदरा विक्रेता राधा देवी ने बताया कि रोजमर्रा की सब्जियों की कमी के कारण भावों में तेजी आई है। सब्जियों के उत्पादन पर तापमान में उतार-चढ़ाव का असर पड़ रहा है। य
यह भी है कारण
व्यापारी मथुरालाल माली ने बताया कि लू के कारण सब्जियां नष्ट हो गई हैं। इससे मंडी में पहले की तुलना में आवक गिर कर 40 प्रतिशत रह गई है। पहले रोज अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां आती थीं उनकी गुणवत्ता अब गिर चुकी है। कृषि उपज मंडी में भी महंगे भावों में सब्जी खरीदनी पड़ रही हैं। किसानों का कहना है कि मानसून समय पर आता है तो सब्जियों की नई फसल तैयार होगी।
सब्जी भाव प्रतिकिलो