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Patrika campaign: शहर में मनमर्जी से काम कर रहे हैं दोनों स्थानीय निकाय

शहर की कई कॉलोनियों में अभी चम्बल का पानी नहीं पहुंचा है क्योंकि वहां पाइपलाइन नहीं है

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शहर की कई कॉलोनियों में अभी चम्बल का पानी नहीं पहुंचा है। क्योंकि वहां पाइपलाइन नहीं है। एेसे में नगर विकास न्यास व नगर परिषद में इस बात को लेकर ठनी हुई है कि आखिर इन कॉलोनियों में पाइपलाइन कौन डाले।

भीलवाड़ा।

शहर की कई कॉलोनियों में अभी चम्बल का पानी नहीं पहुंचा है। क्योंकि वहां पाइपलाइन नहीं है। एेसे में नगर विकास न्यास व नगर परिषद में इस बात को लेकर ठनी हुई है कि आखिर इन कॉलोनियों में पाइपलाइन कौन डाले। एेसे ही कई अन्य मुद्दे हैं, जिनसे जनता परेशान है।

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शहर की गायत्रीनगर, बाबाधाम रोड, आजादनगर, पांसल रोड आदि कॉलोनियां है , जिनमें सड़कें टूटी हुई है। इनकी मरम्मत के लिए क्षेत्र के लोगों ने नगर विकास न्यास व नगर परिषद के चक्कर भी लगा दिए, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं हुआ।


उधर, खास बात है कि शहर में दोनों संस्थाएं मनमर्जी से विकास करा रही है। शहर में सड़कों के बीच बने डिवाइडर अभी कई जगह अच्छी स्थिति में हैं। इसके बावजूद भी उन्हें तोड़कर नया बनाया जा रहा है। उसमें भी एेसा पत्थर लगाया जा रहा था जो ज्यादा मजबूत नहीं है।

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चौराहों पर नहीं विश्रांति गृह
नगर विकास न्यास व नगर परिषद यूं तो शहर में कई विकास करा रही है, लेकिन जनता की जो जरुरत है उसका ख्याल किसी को नहीं है। शहर के अजमेर चौराहा, सांगानेरी गेट, चित्तौड़ रोड, गंगापुर चौराहा, पांसल चौराहा आदि जगह यात्रियों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। एेसे में इंतजार करते समय धूप में खड़ा रहना पड़ता है। इस बारें में दोनों संस्थाओं ने कोई योजना नहीं बनाई है।


लाखों रुपए के ब्रेकर, सात दिन भी नहीं चले
शहर के दोनों स्थानीय निकाय नगर परिषद और नगर विकास न्यास कैसे जनता के पैसों की बर्बादी कर रहे हैं, इसका उदाहरण है। सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर नगर विकास न्यास ने एेसे घटिया स्पीड ब्रेकर सड़कों पर लगाए कि वे सात दिन भी नहीं चले। ये स्पीड ब्रेकर टूट गए। इनकी कीलें निकल गई है, इससे गाडि़यां पंक्चर हो रही है। इसी तरह शहर की प्रमुख सड़कों पर बने हुए डिवाइडरों को तोड़कर फिर से बनवाए जा रहे हैं। अजमेर रोड पर पहले से बने डिवाइडरों को तोड़ दिया गया। यूआईटी का कहना है कि एेसा नगर सौंदर्यीकरण के कारण किया जा रहा है।