10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूलों में पानी का तो इंतजाम किया नहीं, बच्चों का दूध से तर कर रहे हलक

जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दूध पिलाने का इंतजाम कर दिया लेकिन पीने के पानी की पूरी व्यवस्था नहीं है

2 min read
Google source verification
Water crisis schools in bhilwara

Water crisis schools in bhilwara

भीलवाड़ा।

जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दूध पिलाने का इंतजाम कर दिया लेकिन पीने के पानी की पूरी व्यवस्था नहीं है।हाल यह है कि बच्चे स्कूल जाने से पहले पानी की बोटल ले जा रहे हैं क्योंकि वहां पानी नहीं मिल रहा है। सर्व शिक्षा अभियान की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 150 एेसे स्कूल है जिनमें पेयजल की स्थायी सुविधा नहीं है। एेसे में कहीं हैंडपंप तो कहीं दूर टंकियों से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। इन स्कूलों में बच्चों को जाते ही प्रार्थना सभा के बाद गर्मागर्म दूध पिलाया जा रहा है।

दूध पीने के बाद बच्चे पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं क्योंकि इसकी सुविधा नहीं है। अभी सरकारी स्कूलों में सप्ताह में तीन दिन पानी पिलाने की सुविधा है। अभिभावकों का कहना है कि पानी का इंतजाम करते तो ज्यादा अच्छा रहता, लेकिन एेसा नहीं किया।

एकल शिक्षक वाले स्कूलों में ज्यादा आ रही है दिक्कत
अभी जिले में कई प्राथमिक स्कूलों में एकल शिक्षक ही है। अब वहां बच्चों को दूध पिलाने में समस्या आ रही है। कारण है कि एक ही शिक्षक होने से स्कूल को समय पर खुलवाना, प्रार्थना सभा, इसके बाद दूध वितरण, फिर पोषाहार आदि कराने में ही समय निकल जाता है। एेसे में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।


भीमगंज थाने के सामने बच्चों ने कैन का लिया सहारा
शहर के भीमगंज पुलिस थाने के सामने सरकारी स्कूल है। इसमें पीने के पानी का पूरा इंतजाम नहीं है। यहां के बच्चे थाने के सामने रखी पानी की कैन से पानी लाते हैं। हालांकि उसमें भी पानी खत्म होने पर वे आसपास की प्याऊ या अन्य जगह से प्यास बुझाते हैं। बच्चों को पानी नसीब नहीं लेकिन दूध नहीं मिल रहा है।

दूध के बाद पानी का जुगाड़
दूध पीने के बाद बच्चे पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं क्योंकि इसकी सुविधा नहीं है। जिससे पढ़ाई खराब होती है।

कुछ स्कूलों में संकट
कुछ स्कूलों में पीने के पानी का संकट है। इसकी रिपोर्ट मंगवाई है। यदि टंकी बनवानी है तो बनवाएंगे। इसका काम चल रहा है। अब सत्र शुरू हुआ है। कुछ दिनों में इस समस्या का समाधान कर देंगे।
योगेश पारीक, एडीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान, भीलवाड़ा