प्रदेश में डीजल की कीमतों में लगातार उछाल और कीमतें प्रति लीटर सौ रुपए से अधिक पहुंचने के बाद जिले में मिलावटी रसायन का खेल धड़ल्ले से होने लगा। हरियाणा व पंजाब में डीजल के दाम सस्ते होने का झांसा देकर कई लोग वहां के डीजल व बायो डीजल के नाम पर यहां हाइवे व कई ठिकानों पर नकली रसायन बेचे रहे हैं। पेट्रोलियम डीलर्स की शिकायतों पर जिला रसद विभाग ने दस माह में पुलिस व स्थानीय प्रशासन की मदद से बड़ी कार्रवाई की है। इन्ही कार्रवाई से खुलासा भी हुआ कि हाइवे स्थित होटल, ढाबे, खेत-खलिहानों के साथ ही कई अन्य ठिकानों पर माफिया ने कथित बायो डीजल व मिलावटी रसायन का अवैध स्टॉक कर रखा है, जहां जरा सी चूक बड़े हादसे की वजह बन सकती है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर रसद विभाग ने 5 व6 मार्च 2021 को कई जगह कार्रवाई की। अवैध चल रहे बायो डीजल पंप पर कार्रवाई की। भीलवाड़ा में चार पंप सीज किए। कुल 20,8०० लीटर बायो डीजल जब्त किया। रसायन भरा टैंकर भी जब्त किया। बदनोर के परा क्षेत्र में 36,8०० लीटर बायो डीजल जब्त किया। डिस्पेस यूनिट (नोजल, मीटर व आदि उपकरणों का सेंटर) भी मिली। यहां भूमिगत टैंक भी पाए गए।
मिलावटी डीजल व कथित बायो डीजल के खिलाफ 30 सितम्बर को कार्रवाई के दौरान मालोला रोड पर ट्रक में रखे पम्पों से 700 लीटर रसायन पकड़ा। दरीबा से 350 लीटर, ट्रांसपोर्ट नगर में भूमिगत टैंक से16 हजार लीटर, 17 सितम्बर को पिकअप से 725 लीटर व एक डम्पर से 1700 लीटर रसायन जब्त किया गया।
हरियाणा के डीजल के नाम पर जिले से गुजरने वाले विभिन्न राज्यों व जिलों के वान चालकों को मिलावटी, संदिग्ध बायोडीजल बेचा जा रहा है। कई ने खेत, ढाबों तक में भूमिगत भण्डारण कर रखा है। वैट के कारण प्रदेश में ऐसे भी पेट्रोल पंप मालिकों की हालत ठीक नहीं है। कई पंप बंद हो चुके हैं। ऐसे में मिलावटी रसायन के डीजल बता कर बेचने व फर्जी तरीके से बायो डीजल पंप खुलने से पंप मालिकों को नुकसान हो रहा है। माफिया को सियासी संरक्षण मिलने से अब प्रभावी कार्रवाई तक नहीं हो रही है। ऐसे में अब काले कारोबार के खिलाफ सूचना देने की हिम्मत तक पेट्रोलियम डीलर्स नहीं जुटा पा रहे है। कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए रसायनों की रिपोर्ट तक नहीं आना चिंतनीय है।
जिले में नकली बायो डीजल व मिलावटी रसायन बिकने की शिकायतों पर लगातार कार्रवाई की गई है। हजारों लीटर रसायन व वाहन जब्त किए। संबंधित पुलिस थानों में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3-7 के तहत प्रकरण भी दर्ज कराए हैं। मौके से लिए नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला उदयपुर भिजवाए हैं। वहां से रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में बायोडीजल के कारोबार के लिए राज्य सरकार ने केवल 11 लाइसेंस दे रखे हैं। भीलवाड़ा जिले में एक ही लाइसेंस है।
सुनील घोड़ेला , जिला रसद अधिकारी