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Indira Rasoi in bhilwara भीलवाड़ा कलक्टर ने इंदिरा रसोई से क्यूं जोड़ दिए अफसर, पढि़ए

Now officers will share happiness through Indira Rasoi in bhilwara कोरोना महामारी के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों के लिए दो वक्त के भोजन का सहारा बनी इंदिरा रसोई अब संचालकों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। अब लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला कलक्टर आशीष मोदी ने नई कवायद की है। Why did Bhilwara Collector add officers to Indira Rasoi, read

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भीलवाड़ा कलक्टर ने इंदिरा रसोई से क्यूं जोड़ दिए अफसर, पढि़ए

भीलवाड़ा कलक्टर ने इंदिरा रसोई से क्यूं जोड़ दिए अफसर, पढि़ए

नरेन्द्र वर्मा. कोरोना महामारी के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों के लिए दो वक्त के भोजन का सहारा बनी इंदिरा रसोई अब संचालकों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। पिछले दो साल में लक्ष्य की तुलना में केवल 57 फीसदी लोग ही यहां भोजन के लिए पहुंचे। अब लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला कलक्टर आशीष मोदी ने नई कवायद की है। Why did Bhilwara Collector add officers to Indira Rasoi, read

इसके तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अपील की गई है कि वे अपनी खुशियां जरुरतमंद लोगों के साथ बांटे। अपने परिवार में जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या अन्य खुशी के अवसर पर इंदिरा रसोई के साथ जुड़कर लोगों को निशुल्क भोजन करवाएं। कलक्टर की इस पहल से अधिकारी जुडऩे लगे है। भीलवाड़ा शहर में 3 और जिले की छह नगरपालिका क्षेत्र में एक-एक इंदिरा रसोई संचालित है। राज्य सरकार ने जिले में 15 नई इंदिरा रसोई शुरू करने की घोषणा की है। Why did Bhilwara Collector add officers to Indira Rasoi, read

कोरोना संकट काल में कोई व्यक्ति भूखा न रहे, इसके लिए राज्य सरकार ने 20 अगस्त 2020 से प्रदेश के सभी नगर निकायों में इन्दिरा रसोई योजना शुरू की। इसके तहत भीलवाड़ा नगर परिषद क्षेत्र और छहों नगर पालिका क्षेत्र में इंदिरा रसोई संचालित है। यहां कोई भी व्यक्ति आठ रूपए देकर भोजन कर सकता है। भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में यह भोजन सुविधा निशुल्क है।इंदिरा रसोई में भोजन का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक एवं शाम 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक है। यहां चपाती 250 ग्राम, दाल 100 ग्राम, सब्जी 100 ग्राम व आचार दिया जाता है। राज्य सरकार संचालक को एक भोजन थाली पर 25 रुपए का भुगतान करती है, इसमें से आठ रुपए लाभार्थी से लिए जाते है। शेष 17 रुपए राज्य सरकार वहन करती है। किसी व्यक्ति द्वारा गरीबों को अपनी तरफ से भोजन कराने पर उसे 25 रुपए प्रति थाली का भुगतान करना पड़ेगा।

लक्ष्य से बहुत दूर है योजना
जिले में इंदिरा रसोई शुरू होने के बाद 20 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2021 तक 5 लाख 88 हजार 900 व्यक्तियों को भोजन कराने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस अवधि में 3 लाख 74 हजार 861 लोग ही रसोईघर तक पहुंच सके। गत 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 में 9 लाख 52 हजार 200 व्यक्तियों को भोजन का लक्ष्य रखा गया$, लेकिन इस अवधि में 4 लाख 105 व्यक्ति ही इंदिरा रसोई तक पहुंच सके, जो कि लक्ष्य का 45 फीसदी ही रहा। दोनों वित्तीय वर्ष में लक्ष्य की तुलना में 57 फीसदी लोगों ने भोजन किया।

अब लोगों से जुडऩे की अपील
नगर परिषद के जिला परियोजना अधिकारी एवं नोडल प्रभारी अमृत लाल खटीक के अनुसार जिला कलक्टर ने योजना के व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया है। योजना से जिले के सरकारी विभागों व अधिकारियों को जोड़ा जा रहा है। भोजन के प्रायोजक को योजना निदेशक के हस्ताक्षर से जारी प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

'' कोई भूखा न सोए ' सरकार की महत्ती योजना है। जरूरतमंदों का जुड़ाव योजना से हों, इसके प्रयास किए जा रहे है। सरकारी अधिकारियों को भी योजना से जुडऩे का आग्रह किया है। जरूरतमंदों को रसोईघर तक पहुंचाने के लिए स्थानीय निकाय जीप आदि वाहन की सुविधा भी मुहैय्या करवा रही है। ऑनलाईन पोर्टल से भी प्रायोजनकर्ता की बुकिंग संभव है। यहां भोजन की गुणवत्ता एवं शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
- आशीष मोदी, जिला कलक्टर भीलवाड़ा