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वन विभाग तैयार कर रहा सालाना 1000 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद

लाया जा रहा पौधौं और टेरिटोरियल के उपयोग में, सालाना हो रही साढ़े 15 से 20 लाख रुपए की बचत

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भिंड

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Abdul Sharif

Dec 16, 2022

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ग्वालियर. वन विभाग की ओर से सालाना 1000 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार किया जाने लगा है। इससे पूर्व पौधे तैयार करने तथा टेरिटोरियल के लिए विभागीय स्तर पर प्रति वर्ष वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदी पर 15 से 20 लाख रुपए खर्चने पड़ रहे थे। वन विभाग में ही वर्मी कंपोस्ट खाद बनाए जाने का सिलसिला शुरू होने से विभाग को उक्त धनराशि की बचत होने लगी है।
प्रति वर्ष वन विभाग की नर्सरी में लगभग आठ लाख पौधे तैयार होते हैं। इसके अलावा विभाग के टेरिटोरियल में व्यापक स्तर पर पौधरोपण कराया जाता है। लिहाजा विभाग को इस पर लगभग 15 रुपए कीमत का वर्मी कंपोस्ट खाद बाहर से खरीदना पड़ रहा था। बावजूद इसके विभाग को पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया नहीं हो पा रहा था। बतादें कि विभाग को लगभग 1000 क्विंटल खाद की आवश्यकता होती है जबकि टेंडर प्रक्रिया उपरांत बमुश्किल 700 से 800 क्विंटल खाद की ही खरीदी हो पा रही थी। जबकि वन विभाग आवश्यकतानुसार खाद तैयार करने में सक्षम हो गया है।
- लगाई गई हैं 38 वर्मी कंपोस्ट पिट
वन विभाग द्वारा नर्सरी क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थलों पर 38 वर्मी कंपोस्ट पिट स्थापित की गई हैं। पिट के अंदर गोबर डालने के बाद सीधे तौर पर केंचुए लाकर छोडऩे होते हैं। तदुपरांत खाद बनकर तैयार हो जाता है। खाद भण्डारण के लिए भण्डारगृह भी बनवाया जा रहा है। फिलहाल निर्माणाधीन है। वर्मी कंपोस्ट खाद का बाजारी कीमत 1500 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल है।
- भविष्य में दो से तीन गुना हो सकती है खाद उत्पादन की क्षमता
वन विभाग में किए जा रहे प्रयोगों के मुताबिक वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादन की क्षमता अगले करीब दो साल में तीन गुना तक बढ़ सकत है। वर्मी कंपोस्ट खाद की उपयोगिता रासायनिक खाद के मुकाबले बेहतर है। कृषि विभाग से जुड़े विज्ञानियों के अनुसार वर्मी कंपोस्ट खाद के उपयोग से भूमि में खरपतरवार कम उगते हैं। पौधों में रोगों से लडऩे की क्षमता भी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं फसलों में के उत्पादन में दो गुना वृद्धी हो जाती है। इसके अलावा पोषक तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती है।
-नर्सरी के पौधों के अलावा विभाग के टेरिटोरियल के भी उपयोग में वर्मी कंपोस्ट खाद
नर्सरी में वर्मी कंपोस्ट पिट के माध्यम से तैयार किया जा रहा खाद न सिर्फ पौधों के लिए बल्कि विभाग के टेरिटोरियल के उपयोग में भी आ रहा है। इस वर्ष 1000 क्विंटल खाद तैयार हो जाएगा। फिलहाल 300 क्विंटल खाद तैयार कर लिया है। भविष्य में खाद का उत्पादन बढ़ेगा।
स्वाति पाठक, रेंजर वन मंडल ग्वालियर
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