
दंदरौआधाम से मांगी थी मन्नत, मंजेश के पैदा होने पर मां-बाप ने किया था भण्डारा, वही बन गया काल
मौ. ग्राम डांग छैंकुरी में बुजुर्ग दंपत्ति की धारदार हथियार से की गई हत्या के बाद उसके घर पर बड़ी संख्या में गांव के लोग जमा हो गए। वहीं शोक संवेदनाएं जताने बुजुर्ग महिलाएं भी पहुंच गईं। 65 वर्षीय रामसखी देवी ने बताया कि करीब 44 साल पूर्व रामश्री का विवाह हरज्ञान के साथ हुआ था। शादी के कुछ साल तक बच्चे नहीं होने पर हरिज्ञान और रामश्री संतान की कामना लेकर दंदरौआ धाम गए थे। इसके अलावा भी अन्य देवस्थलों पर जाकर मन्नत मांगी थी।
70 वर्षीय बिटोली देवी के अनुसार पहली चाहत के बेटे मंजेश की पैदाइश पर रामश्री और हरिज्ञान इतने खुश थे कि उन्होंने आर्थिक रूपा से संपन्न नहीं होने के बावजूद भी भण्डारे का आयोजन किया था। जिसके पैदा होने पर दोनों खुशियां मना रहे थे उन्हें क्या पता था कि बड़े होकर वो चारधाम की यात्रा कराने के बजाए दोनों को दर्दनाक मौत दे देगा। वारदात की रात दोनों बुजुर्ग खतरे से बेखबर मंजेश जाटव के पास ही सो रहे थे। आधी रात के बाद मंजेश को ऐसा खून सवार हुआ कि उसे दुनियां में लाने वाले मां-बाप की हत्या करते वक्त उन्हें संभलने का मौका तक नहीं दिया। दोनों जैसे चारपाई पर सो रहे थे उसी हालत में उनके शव पुलिस ने मौके पर देखे।
- इसलिए मां-बाप को दुश्मन समझने लगा था मंजेश
दरअसल करीब सात साल पूर्व मंजेश की शादी हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही वह मानसिक रूप से बीमार हो गया। लिहाजा करीब डेढ़ साल बाद माता-पिता ने उसकी पत्नी की सहमति लेकर उसकी शादी मझले बेटे संजीव जाटव से करवा दी थी। बाद में मंजेश ठीक हो गया। ऐसे में जब मंजेश को यह पता लगा कि उसकी पत्नी का विवाह उसके ही मां-बाप ने छोटे भाई से करवा दिया है तो वह माता-पिता से रंजिश रखने लगा। बताया गया है कि मंजेश पूर्व में दो बार हमला कर चुका है। एक बार आग लगा चुका है और दूसरी बार माता-पिता के साथ मारपीट की थी। दरअसल संजीव जाटव मंजेश की पत्नी से विवाह करने के बाद सबसे छोटे भाई कल्ली उर्फ बृजेश के साथ दिल्ली में शिफ्ट हो गए। रामश्री और हरिज्ञान के साथ उनका बड़ा बेटा मंजेश ही रह रह
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Published on:
15 Jun 2023 07:32 pm
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