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Family Sucide : पहले बच्चों का गला घोंटा, फिर माता पिता ने लगाई फांसी

दूध कारोबारी दंपती ने पहले तो अपने ही दो बच्चों का गला घोंटा, फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है।

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Family Sucide : पहले बच्चों का गला घोंटा, फिर माता पिता ने लगाई फांसी

भिंड. मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गोहद में परिवार की सामुहिक आत्महत्या का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दूध कारोबारी दंपती ने पहले तो अपने ही दो बच्चों का गला घोंटा, फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। गला घोंटे जाने से बेटे की तो मौत गई। जबकि, बेटी बेहोश हुई थी, जिसे दंपत्ति ने मरा हुआ मानकर खुद फांसी के फंदे पर झूल गए।

घटना का खुलासा शनिवार की सुबह उस समय हुआ, जब काफी देर तक घर से किसी तरह की आवाज नहीं आई। इसी के चलते किसी स्थानीय श्खस ने घर के अंदर देखा तो उसे दंपत्ति फांसी के फंदे पर झूलते नजर आए। गांव वालों ने दरवाजा तोड़कर दंपती को नीचे उतारा और पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस जांच में परिवार के तीन सदस्यों की तो मौत की पुष्टि कर दी, लेकिन बेटी की सांसे चल रही थीं, जिसपर तुरंत ही पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंचाया। वहीं, माता-पिता और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल, पुलिस मौत के कारणों की पड़ताल में जुट गई है।

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सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में चल रहा बच्ची का उपचार

मामले को लेकर गोहद थाना प्रभारी राजेश सत्नाकर का कहना है कि, शुरुआती पड़ताल के अनुसार, गांव कटवा गुर्जर में दूध कारोबारी 32 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र मान सिंह गुर्जर और उसकी पत्नी 30 वर्षीय अमरेश ने पहले अपने 12 वर्षीय बेटे प्रशांत और 10 वर्षीय बेटी मीनाक्षी का गला घोंटकर मारने की कोशिश की। गला घोटे जाने से बेटे प्रसांत की तो मौत हो गई, जबकि मीनाक्षी बेहोश हो गई। सुबह कोई आहट न होने पर ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़ा। दंपती अंदर फंदे पर लटके थे। बेटे की भी मौत हो चुकी थी, लेकिन बेटी की सांसे चल रही थीं। पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से तत्काल बच्ची को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद भेज दिया।

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खतरे से बाहर आई बच्ची

गोहद एसडीओपी आर. के. एस. राठौर का कहना है कि, पिलहाल, पुलिस घटना के कारणों की जांच में जुटी हुई है। अबतक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि, दंपत्ति द्वारा ऐसा फैसला लेने का कारण क्या है? राहत की बात ये है कि, कम से कम बच्ची की जान तो बच गई है। उम्मीद है कि, सामान्य हालत में आने पर बच्ची को जरूरी जानकारी दे। वहीं, बच्ची की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि, फिलहाल, बच्ची की हालत में लगातार सुधार हो रहा है और अब वो खतरे से बाहर हैं। कुछ ही घंटों के भीतर वो बातचीत करने की स्थिति में आ जाएगी।

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