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पुराने ढर्रे से ही करना होगा पुराने प्रकरणों का निराकरण

जिले भर में 29 फरवरी से साइबर तहसील शुरू होते ही संपत्ति पंजीयन के दस्तावेजों का ऑटोमैटिक नामांतरण शुरू हो जाएगा। लेकिन पहले से लंबित प्रकरणों को लेकर कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं आई है। अधिकारियों का दावा है कि गाइड लाइन आने से पहले लंबित प्रकरणों को राजस्व महाअभियान के तहत 10 मार्च तक निपटा लिया जाएगा।

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लंबित नामांतरण-बंटवारा प्रकरण

तहसील कार्यालय, भिण्ड

भिण्ड. जिले में तीन हजार के करीब नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण लंबित हैं। आरसीएमएस (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) 26 फरवरी की स्थिति मेें नामांतरण/बंटवारे के 63 स्वीकृत एवं 113 अस्वीकृत प्रकरण हैं। जबकि एमपी भू-अभिलेख से आदेश अनुपालन के लिए लंबित प्रकरणों की संख्या 2845 दिखाई जा रही है।

एम माह पुराने प्रकरणों की संख्या 343, एक से तीन माह के लंबित प्रकरणों की संख्या 246 एवं तीन माह के लंबित प्रकरणों की संख्या 2362 दशाई जा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर प्रकरणों का निराकरण राजस्व महाअभियान में किया जा रहा है। 90 प्रतिशत तक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, भले ही भू-अभिलेख के पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पाए हों।

वहीं यह भी कहा जा रहा है लंबित प्रकरणों के निराकरण को साइबर तहसीलें शुरू करने के बाद निपटाने की प्रक्रिया को लेकर कोई गाइड लाइन शासन स्तर से नहीं आई है। लेकिन कोशिश की जा रही है कि पुराने सभी प्रकरणों को पुराने तरीके से ही 10 मार्च के पहले निपटा लिया जाए। राजस्व महाअभियान समाप्त होने के साथ ही सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।


जिले में 29 फरवरी से साइबर तहसीलों का शुभारंभ किया जा रहा है। इसके बाद जो भी दस्तावेज पंजीयन कार्यालय में ऑनलाइन दर्ज होगा, उसका लेखाजोखा राजस्व विभाग में पहुंच जाएगा और ऑनलाइन ही नामांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसमें संपत्ति खरीदने वालों को बड़ा लाभ होगा। नामांतरण के नाम पर होने वाला भ्रष्टाचार और अनावश्यक विलंब भी रुक जाएगा। वर्तमान में एक-एक साल तक नामांतरण के लिए लोगों को भटकना पड़ता है।


अभी पुराने नामांतरण के प्रकरणों के निपटारे को लेकर साइबर तहसीलों के संदर्भ में कोई गाइड लाइन नहीं आई है। पुराने मामलों को निपटाने के लिए फिलहाल तो 10 मार्च तक राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है। जो बचेंगे तब बाद में देखा जाएगा।
मोहम्मद रज्जाक खान, अधीक्षक, भू-अभिलेख, भिण्ड।