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मेला नगरपालिका लगाएगी, नामांतरण का अधिकार उपाध्यक्ष से हटाया

नगरपालिका के विशेष हंगामेदार सम्मेलन में संपत्ति के नामांतरण का अधिकार उपाध्यक्ष से हटाने का प्रस्ताव मतदान के जरिए बहुमत से पारित हो गया। परिषद अध्यक्ष वर्षा बाल्मीकि की अध्यक्षता में आयोजित विशेष सम्मेलन में उपाध्यक्ष पर अधिकार रखने के पक्ष में 16 पार्षदों ने सहमति दी जबकि विरोध में 18 पार्षद रहे। निर्णय सही एवं क्रॉस का निशान लगाकर पर्चियों के माध्यम से हो सका।

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नामांतरण का अधिकार उपाध्यक्ष से हटाया

मतदान की प्रक्रिया समझाते सीएमओ।

भिण्ड. नई व्यवस्था में तय किया गया है कि संबंधित वार्ड के पार्षद अपनी अनुशंसा हितग्राही के आवेदन पर या अलग से पत्र लिखकर कर सकेंगे। नगरपालिका के सभागार में 20 दिन के भीतर दूसरी बार आयोजित सम्मेलन में प्रस्ताव पारित होने के पहले मुख्य नगरपालिका अधिकारी वीरेंद्र तिवारी ने स्पष्ट किया कि पार्षद अपने पास फाइल अनावश्यक नहीं रोक सकेंगे और उनकी टीप को अंतिम निर्णय भी नहीं माना जाएगा। उनकी अनुशंसा के आलोक में नगरपालिका द्वारा तय जिम्मेदार अधिकारी या जन प्रतिनिधि इस पर अंतिम निर्णय लेगा। पार्षदों ने इस पर सहमति व्यक्ति की, इसके बाद मतदान करया गया। कड़े मुकाबले में उपाध्यक्ष पर अधिकार रखने के विरोध में पड़े 18 और पक्ष में 16 मतों पर दो मतों के अंतर से प्रस्ताव पारित हो गया। वार्ड क्रमांक 34 के पार्षद मनोज जैन, वार्ड 21 के पार्षद मनोज सिंह राजावत, 32 के पार्षद रामाधार सिंह तोमर, वार्ड छह के पार्षद दीपक शर्मा, वार्ड 25 के पार्षद शैलेंद्र कुमार रीतोरिया, वार्ड 19 के पार्षद सौरव सिंह राजावत, नेता प्रतिपक्ष राहुल सिंह एवं उपाध्यक्ष भानु सिंह भदौरिया के बीच अधिकारों को लेकर तीखी बहस हुई। सीएमओ तिवारी ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी बहुत देर तक हंगामा होता रहा। उपाध्यक्ष भदौरिया का तर्क था कि उनसे अधिकार हटाकर नई व्यवस्था क्या होगी, इसका भी खुलासा किया जाए। लेकिन इस पर कोई निर्णय अभी नहीं हो सका है।
मेला पुरानी प्रक्रिया के तहत ही लगाया जाएगा
मेला तीन साल के लिए ठेके पर देने और ऑनलाइन प्रक्रिया से दुकानों के आवंटन दो फरवरी की बैठक में पारित प्रस्ताव को नगरपालिका परिषद ने पुर्नविचार कर वापस ले लिया। बता दें कि नगरपालिका परिषद द्वारा तीन साल के ठेके पर मेला देने का प्रस्ताव दो फरवरी को पारित होने के बाद मेला व्यापारियों ने इसका तीखा विरोध किया था। छह फरवरी को मेला परिसर में एकत्र होकर दुकानदारों ने विरोध प्रदर्शन करने के बाद रैली निकालकर विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के निवास पर पहुंचकर ज्ञापन दिया था। ज्ञापन में मेला पुरानी प्रक्रिया से ही लगाने का आग्रह किया गया था। इसके बाद विधायक ने अध्यक्ष व सीएमओ को इस प्रस्ताव पर पुर्नविचार के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही नगरपालिका ने नया दो सूत्रीय एजेंडा छह फरवरी को जारी कर दिया था। इस बैठक में केवल मेले को पुरानी प्रक्रिया से ही लगाने और संपत्ति नामांतरण की नस्ती स्वीकृत करने का अधिकार उपाध्यक्ष से हटाने पर ही विचार किया जाना था।
परिषद की बैठक में लहराया पत्रिका
नगरपालिका परिषद के विशेष सम्मेलन में मुख्यमंत्री संबल योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर प्रकाशित खबर के साथ पार्षदों ने पत्रिका लहराया। वार्ड 34 के पार्षद मनोज जैन एवं वार्ड 25 के पार्षद शैलेंद्र कुमार रीतोरिया इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस पर सीएमओ ने कहा कि जांच हो रही है, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि वे जल्दवाजी में अभी चले गए, इसलिए ज्यादा विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई।

39 में से 35 पार्षद उपस्थित हुए
विशेष सम्मेलन में नगरपालिका के निर्वाचित 39 पार्षदों में से अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित कुल 35 पार्षदों ने भाग लिया। उपाध्यक्ष से नामांतरण की नस्ती को स्वीकृत करने के अधिकार हटाने के प्रस्ताव पर अध्यक्ष को छोडकऱ 34 पार्षदों ने मतदान किया। इसमें से 16 उपाध्यक्ष के पक्ष में 18 विरोध में मत पड़े। बहुमत के आधार पर उपाध्यक्ष के अधिकार हटाने का प्रस्ताव पारित हो गया। परिषद की बैठक में अध्यक्ष सहित निर्वाचित 21 पार्षदों में से 18 उपस्थित रहीं। वार्ड क्रमांक 35 से पार्षद रेनूअमित चौधरी ने इटावा रोड पर सीवर लाइन की खुदाई से गड्ढे और उनसे हो रही दुर्घटनाओं पर परिषद का ध्यान खींचा, लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया।