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भिण्ड। प्राइवेट स्कूलों को मात देकर बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परिणाम देने के लिए कलेक्टर छोटेसिंह ने कवायद शुरू करते हुए सरकारी अवकाश और सप्ताहिक अवकाश रविवार के दिन भी पहली से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित करने के निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान शिक्षकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर छात्रों की समस्याओं का समाधान करना होगा।
सुबह 9.30 से 5 बजे तक खुलेंगे
कलेक्टर ने इस संबंध में सभी संस्था प्रमुखों को आदेश जारी कर दिए हैं। कलेक्टर के आदेश का शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। कलेक्टर के आदेश के अनुसार अवकाश के दिनों में कक्षाओं का संचालन सुबह 9.30 से 5 बजे तक किया जाएगा।
लिखने का अभ्यास हो
कक्षाओं के दौरान विषयवार दिनांक वाइज प्रश्न बैंक और ब्लू प्रिंट के अनुसार प्रत्येक विषय के प्रश्रों का चयन किया जाएगा। इस दौरान सभी विषयों का छात्रों को रिवीजन कराया जाएगा। नोट बुक्स पर ही छात्रों के टेस्ट लिए जाएंगे, जिससे छात्रों को उत्तर पुस्तिका पर लिखने का अभ्यास हो।
कक्षाओं का संचालन जारी रहेगा
प्रत्येक छात्र को अनिवार्य रूप से गृह कार्य भी दिया जाएगा और दूसरे दिन इसे चेक भी किया जाएगा। छात्रों की शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए शाला समय के बाद पालकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। प्री बोर्ड परीक्षा के दौरान भी कक्षाओं का संचालन जारी रहेगा। बीएसी, बीआरसी, बीईओ, डीपीसी, डीईओ को निरीक्षण, मॉनिटरिंग एंव आकादमिक सपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई है।
सीनियर के अनुमोदन पर ही मिलेगी छुट्टी
कलेक्टर ने दो माह के लिए शिक्षकों के अवकाश पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। फरवरी और मार्च में अवकाश नहीं दिया जाएगा। अतिआवश्यक होने पर ही सीनियर अधिकारियों के अनुमोदन पर ही अवकाश स्वीकृत होगा। कलेक्टर ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी को अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए हैं।
शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने की कवायद
शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से दो माह के लिए अवकाशदिनों में भी शालाएं खोलने के निर्देश कलेक्टर की ओर से दिए गए हैं। इस बार बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परीक्षा परिणाम देना है। हम इसे अभियान के रूप में ले रहे हैं।
हरभुवनसिंह तोमर जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड
सरकारी स्कूलो में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित है। इसके लिए सिर्फ शिक्षकों को दोषी ठहराया जाना गलत है। सालों से शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं। पालक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
संतोष लहारिया अध्यक्ष आजाद अध्यापक संघ भिण्ड
Updated on:
11 Feb 2020 10:08 am
Published on:
11 Feb 2020 10:06 am
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