अटल प्रोग्रेस-वे के रीएलाइनमेंट पर घोषणा के बाद मौन, किसान चिंतित
अटल प्रोग्रेस-वे के रीएलाइनमेंट पर घोषणा के ढाई माह बाद भी शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं होने से किसान चिंतित हैं और प्रशासन असमंजस में है। भिण्ड से लेकर मुरैना और श्योपुर तक किसानों के लंबे आंदोलन के बाद 28 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीनों जिलों के अधिकारियों के साथ वीसी करके खेतों से होकर प्रस्तावित अटल प्रोगेस-वे का रीएलाइनमेंट कराने की घोषणा की थी। किसानों ने इसे अपने संघर्ष की जीत बताकर खुशी जाहिर की थी, लेकिन ढाई माह
सुरपुरा तिराहा जहां से पुराना अटल प्रोगे्रस-वे प्रस्तावित है।
भिण्ड. अटल प्रोगे्रस-वे में उत्तरप्रदेश के इटावा के अलावा मध्यप्रदेश के भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिलों की कुल दो हजार 697 हेक्टेयर से अधिक भूमि वर्तमान एलाइनमेंट के अनुसार अधिग्रहित की जाना है। इसमें किसानों की दो हजार 432 हैक्टेयर भूमि आ रही है। भिण्ड और अटेर तहसील के 41 गांवों के किसानों की 317.340 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। किसानों ने फरवरी में आंदोलन किया था और मार्च मे होली को देखते हुए आंदोलन स्थगित कर दिया था। किसान दोबारा आंदोलन की तैयारी कर रहे थे, इसी बीच 28 मार्च को मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री एलाइनमेंट बदलने की घोषणा वीसी के माध्यम से कर दी। इसके बाद किसानों को जो उम्मीद जागी थी, वह अब धूमिल होती दिख रही है। किसानों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में इन दिनों सहालग की वजह से भ्रमण हो रहा है, लेकिन कहीं भी कोई नई नापजोख, सर्वे, चर्चा रीएलाइनमेंट पर नहीं दिखी। वहीं प्रशासन पर भी इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। जब तक शासन स्तर से कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं आएगी तब तक कोई भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। पुरानी प्रक्रिया भी ठप कर दी गई है। अब प्रशासन असमंजस की स्थिति में है।
वर्तमान प्रस्ताव से पर्यावरण भी प्रभावित होगा
अटल प्रोग्रेस-वे का पूरा खाका तैयार किया तो तथ्य सामने आया कि इसमें 471 पेड़ भी काटे जाना प्रस्ताव हैं। इनमें 470 तो वन भूमि पर ही हैं। पूरी परियोजना में चार हजार 922 पेड़ काटे जाना प्रस्तावित हैं। लेकिन बीहड़ से मार्ग निर्माण पर यह पेड़ बच सकते हैं और पर्यावरण के लिए यह अच्छा रहेगा। वर्तमान स्वरूप में 10 हजार 957 मकान एवं 61 हजार के करीब लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। पूरी परियोजना में एक लाख 70 हजार 470 घर, पांच लाख 38 हजार 249 व्यक्ति भी प्रभावित होंगे।
41 गांव होंगे इस परियोजना में प्रभावित
वर्तमान स्वरूप में अटेर और भिण्ड की 29 ग्राम पंचायतों के 41 गांव प्रभावित हैं। इनमें भिण्ड तहसील में गोपालपुरा, नाहरा, सराया, भदाकुर एवं भगवासी शामिल हैं। जबकि अटेर में मटघाना, सकराया, मधैयापुरा, मनेपुरा, गजना, दुल्हागन, क्यारीपुरा, सुरपुरा, जौरी कोतवाल, गोहदूपुरा, रिदौली, बड़पुरा, प्रतापपुरा, जम्होरा, बलारपुरा, निवारी, तरसोखर, चौम्हों, खड़ेरी, शुक्लपुरा, अहरौली-काली, कनेरा, कछपुरा एवं उदोतगढ़ शामिल हैं।
11 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत आएगी
अटल प्रोगे्रस-वे के मौजूदा स्वरूप में निर्माण पर ही 11 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत प्रस्तावित है। विलंब होने पर इसकी लागत और बढ़ सकती है। छह हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव इसकी लागत पिछले तीन साल में ही लंबाई एवं महंगाई बढऩे से दो गुना तक पहुंच चुकी है। परियोजना में और विलंब होने पर इसकी लागत भी बढ़ती चली जाएगी।
कथन-
सरकार ने अटल प्रोगे्रस-वे का एलानमेंट बदलने और नए सिरे से सर्वे करने के निर्देश तो वीसी के माध्यम से दिए थे। लेकिन इसे भी ढाई माह का समय बीत चुका है न प्रशासनिक स्तर पर कोई हलचल है और न ही मैदानी स्तर पर कुछ दिखाई दिया है।
लक्ष्मण सिंह नरवरिया, संभागीय उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ।
-अटल प्रोग्रेस-वे के रीएलाइनमेंट को लेकर कोई नई गाइड लाइन प्रशासन के पास नहीं आई है। इसलिए कोई गतिविधि स्थानीय स्तर पर संचालित नहीं है। कोई दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे तो उसके अनुसार कवायद की जाएगी।
उदय सिंह सिकरवार, एसडीएम भिण्ड/अटेर।
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