
एसआईआर में गणना पत्रक भरने की तारीख बढऩे के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वे मतदाताओं के होश उड़ाने वाले हैं। शुक्रवार की स्थिति में जिले में 4.93 लाख से अधिक मतदाताओं के नामों में सात प्रकार की तथ्यात्मक विसंगतियां पाई गई हैं। सबसे अधिक विसंगति पिता के नाम के मिलान न होने से जुड़ी है। इस श्रेणी में 1 लाख 79 हजार 177 मतदाता शामिल हैं, जो कुल मतदाता सूची का 13.79 प्रतिशत है। दूसरे स्थान पर वे मतदाता हैं, जिनकी उम्र और पिता की उम्र में 15 साल या उससे कम का अंतर दर्ज है। ऐसे 1 लाख 12 हजार 253 मतदाता हैं, जो कुल सूची का 8.64 प्रतिशत हैं।
भिण्ड. एसआईआर में गणना पत्रक भरने की तारीख बढऩे के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वे मतदाताओं के होश उड़ाने वाले हैं। शुक्रवार की स्थिति में जिले में 4.93 लाख से अधिक मतदाताओं के नामों में सात प्रकार की तथ्यात्मक विसंगतियां पाई गई हैं।
मतदाता सूची में सामने आई ये विसंगतियां कुल मतदाताओं का करीब 38 प्रतिशत हैं। हालांकि 10 दिसंबर की स्थिति में जिले में 91.62 प्रतिशत मतदाता डिजिटाइज्ड किए जा चुके हैं, लेकिन अब जो आंकड़े सामने आए हैं, वे गंभीर चिंता का विषय हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने एसआईआर की अवधि एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दी है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में विसंगतियों को दूर करना व्यावहारिक रूप से चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
सबसे अधिक विसंगति पिता के नाम के मिलान न होने से जुड़ी है। इस श्रेणी में 1 लाख 79 हजार 177 मतदाता शामिल हैं, जो कुल मतदाता सूची का 13.79 प्रतिशत है। दूसरे स्थान पर वे मतदाता हैं, जिनकी उम्र और पिता की उम्र में 15 साल या उससे कम का अंतर दर्ज है। ऐसे 1 लाख 12 हजार 253 मतदाता हैं, जो कुल सूची का 8.64 प्रतिशत हैं। इसके अलावा 89 हजार 510 मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जिनकी उम्र और पिता की उम्र में 45 साल से अधिक का अंतर है। बीएलओ का कहना है कि उपलब्ध समय में इन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। एसआईआर का उद्देश्य ही मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना है, इसलिए हर संभव सुधार किया जाएगा।
भारत निर्वाचन आयोग ने पहले चार नवंबर से चार दिसंबर तक एसआईआर की अवधि तय की थी। काम पूरा न होने पर इसे 11 दिसंबर तक बढ़ाया गया और अब एक बार फिर गणना पत्रक भरने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर निर्धारित की गई है। इसके बाद 23 फरवरी को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाना है। बीएलओ खुलकर तो नहीं बोल रहे, लेकिन समय सीमा में सभी विसंगतियां दूर करना एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
समीक्षा में यह भी सामने आया है कि जिले की मतदाता सूची में 3.72 प्रतिशत (48 हजार 275) मतदाताओं के नामों में लिंग संबंधी विसंगति दर्ज है। इनमें कहीं पुरुष को महिला और कहीं महिला को पुरुष दर्शाया गया है। इसके अलावा 1 प्रतिशत से अधिक ऐसे मामले भी मिले हैं, जिनमें मतदाता और उनके ग्रांड पेरेंट की उम्र में 40 साल से कम का अंतर दर्ज है।
Published on:
14 Dec 2025 12:54 am
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