17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला स्वयं उसी में गिरता है

चैत्यालय मंदिर में हुई धर्म सभा में मुनि विश्रान्त सागर ने कहा

less than 1 minute read
Google source verification

भिंड

image

Vikash Tripathi

Sep 25, 2022

दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला स्वयं उसी में गिरता है

दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाला स्वयं उसी में गिरता है

भिण्ड. चैत्यालय मंदिर में हुई धर्म सभा में मुनि विश्रान्त सागर ने कहा कि संसारी प्राणियों पर कष्ट आते रहते हैं, किसी पर कम आते हैं, किसी पर ज्यादा आते हैं, कोई व्यक्ति ज्यादा दु:खी रहता है, कोई कम दु:खी रहता है, कर्म किसी को छोड़ता नहीं है। मुनिश्री ने कहा कि जिसको कष्ट होता है या जिस पर कोई भी घटना घटती है उसकी पीड़ा वही जान पाता है, दूसरा नहीं समझ पाता है । भूलकर भी दुखियों की मजाक कभी मत उड़ाना अर्थात् दुखी जीवों को देखकर हंसना मत बल्कि उसके दु:खों को देखकर उसके दु:ख दूर करने की भावना बनाना । उसके दु:खों को देखकर आज तुम मजाक बनाओगे या हंसोगे जब कल तुम पर कष्ट आयेंगे तब क्या होगा?
मुनिश्री ने दोहा सुनाते हुए कहा कि द्मद्मदर्द तो दर्द होता है, सहा जिसने वही जाने, पड़ी नहीं चोट जिस दिल में, औरों का दर्द क्या जाने । जिस दिल पर चोट नहीं पड़ी वह दूसरों का दर्द नहीं समझ पाता है । दूसरों के कष्टों को वही समझ सकता है जिसने कष्ट का अनुभव कर लिया है। यदि तुम सुखी रहना चाहो तो दूसरों को सुख देने का प्रयास करो, किसी के दिल को मत दु:खाओ । दूसरों के साथ वह व्यवहार कभी भी मत करो जो तुम्हें अच्छा नहीं लगता हो । दूसरों के लिए गड्डा खोदने वाला स्वयं गिरता है । इसलिए दूसरों के लिए गड्डा मत खोदो बल्कि दूसरों के लिए मकान बनाओ क्योंकि मकान बनाने वाला स्वयं ऊपर जाता है ।
यह रहे मौजूद : प्रवचन सभा में रविसेन जैन, अशोक जैन , प्रवीण जैन, मनोज जैन , सोनू जैन, विकास जैन, सुरेन्द्र जैन अन्ना जैन, रमेश जैन , संजय जैन, आकाश जैन, बन्टी जैन, कल्लू जैन, नीलू जैन, नीरज जैन आद मौजूद रहे ।