अरुण के पिता बोले- संकल्प लिया था कि बेटा अफसर बनेगा तो मैं प्रभु की शरण में रहूंगा मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के रौन सर्किल अंतर्गत बघेली बहादुपुरा निवासी अरुण सिंह तोमर ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को क्वालीफाई करने की खबर जैसे ही पिता लक्ष्मण सिंह को दी तो उन्होंने तत्काल गृहस्थ जीवन छोडक़र संन्यास ले लिया। बघेली बहादुरपुरा गांव के छोटे से किसान लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि उनका संकल्प था कि यदि उनका बेटा अफसर बना तो वह संन्यास लेकर प्रभु की शरण में रहेंगे। यहां बता दें कि अरुण तोमर के भाई प्रदीप सिंह विद्युत वितरण कंपनी में मीटर रीडर के रूप में काम करते हैं। उनके परिवार के कुछ लोग भिण्ड शहर के महावीर गंज इलाके में भी निवास करते हैं।
मां की मौत के बाद भी भाई ने बढ़ाया हौसला अरुण तोमर की मां का वर्ष 2015 में करंट लगने से देहांत हो गया था। उनकी मौत के बाद अरुण को उनके बड़े भाई रामू सिंह ने संभाल लिया। पढ़ाई के लिए निरंतर प्रेरित करते रहे। वर्ष 2017 एवं 2018 में लगातार सिविल सेवा परीक्षा में असफल होने के बावजूद रामू तोमर अपने छोटे भाई के लिए स्तंभ बनकर खड़े रहे। उनके हौसले ने अरुण सिंह तोमर के अंदर जो जज्बा पैदा किया उसने वर्ष 2019 में सफलता का स्वाद चखा दिया।
गांव से निकलते थे डकैत, अब अफसर गृहगांव बघेली बहादुरपुरा में ही शासकीय स्कूल में प्राथमिक शिक्षा हासिल करने वाले अरुण सिंह ने मध्यमिक शिक्षा भिण्ड में की जबकि एमटेक एवं आईआईटी रुढकी से की। वर्ष २०१४-१५ में भोपाल के शासकीय महाविद्यालय में अतिथि विद्वान के रूप में अध्यापन कार्य किया। अरुण तोमर ने कहा यदि व्यक्ति कठोर परिश्रम के साथ कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहे तो सफलता अवश्य मिलती है। उनके गांव से दो दशक पहले डकैत निकलते रहे हैं। समय ने करवट ली तो अब अफसर निकलना शुरू हुए।
महिपाल ने बिना कोचिंग हासिल की सफलता महिपाल सिंह पुत्र लाखन सिंह निवासी गुरीखा गोहद जैनेटिक्स व ब्रीडिंग में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली से एमएससी की। वहीं बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित कृषि महाविद्यालय से हासिल की। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गुरीखा के सरकारी विद्यालय में ही हुई। हाईस्कूल व हायर सेकंडरी ग्वालियर के शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय से की। उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी बिना किसी कोचिंग के घर पर ही की और पहले ही प्रयास में फतेह हासिल कर ली। महिपाल सिंह गुर्जर ने युवाओं को दिए संदेश में कहा कि इंटरनेट पर दुनियाभर की आवश्यक सामग्री मौजूद है, जिसका उपयोग कर विद्यार्थी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। महिपाल अपने छोटे कृषक पिता के लिए कहते हैं कि उन्हें फख्र है अपने पिता पर जिन्होंने पढ़ाने के लिए मेहनत की और मंजिल तक पहुंचाने में सहायक बने।