29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विद्युत निगम की एसीओएस, कलगांव में भूमि चिन्हित लेकिन आवंटन में देरी

विद्युत उपकरणों के लिए बनी हुई है अलवर पर निर्भरता, 3.75 हेक्टेयर भूमि प्रशासन ने की चिन्हित

2 min read
Google source verification

भिवाड़ी. जयपुर डिस्कॉम भिवाड़ी सर्किल को सहायक भंडार नियंत्रक कार्यालय (एसीओएस) शाखा के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया लंबित बनी हुई है। भंडार नियंत्रक के लिए कलगांव तिजारा में भूमि चिन्हित हुए कई महीने बीत चुके हैं लेकिन आवंटन नहीं हो सका है। कलगांव में 3.75 हेक्टेयर भूमि एसीओएस एवं अन्य कार्यालय के लिए आवंटित की जाएगी। एनओसी नहीं मिलने के कारण आवंटन नहीं हो सका है। एसीओएस बनने से अलवर के ऊपर निर्भरता खत्म होगी और निगम के काम में देरी की आशंका भी समाप्त होगी। भिवाड़ी जैसे बड़े विद्युत निगम उपखंड के लिए स्टोर की जरूरत बहुत पहले से थी। सर्किल गठन के बाद उक्त शाखा को खोलना ही था। पहले जमीन नहीं मिली, अब जमीन चिन्हित होने के बाद आवंटन में मामला अटका हुआ है। भिवाड़ी सर्किल में सहायक भंडार नियंत्रक कार्यालय (एसीओएस) शाखा अभी तक शुरू नहीं हुई है। जबकि सर्किल के आदेश गत वर्ष 12 अगस्त को आ गए थे और अधीक्षण अभियंता की नियुक्ति 26 अगस्त को हो गई थी। इस शाखा से ट्रांसफार्मर, चेनल, ब्रेकर, पावर ट्रांसफार्मर, लाइन का तार, एबीसी केबल, मीटर, सीटीपीटी सेट यहीं से उपखंड को वितरित किया जाता है। उपखंड से खराब सामान भी उतरकर वापस इसी शाखा में जमा होता है। ये शाखा अभी तक भिवाड़ी में नहीं है, जिसकी वजह से अलवर से सामान मंगाना पड़ता है, जिसमें समय और साधन का अतिरिक्त दुरुपयोग होता है। जिसकी वजह से अलवर के ऊपर निर्भरता बनी हुई है। किसी भी प्रकार के सामान के खराब होने पर उसे अलवर से ही मंगाना पड़ता है, जिसमें कई बार काफी समय लग जाता है। अवकाश होने की स्थिति में एक दो दिन का विलंब तो वैसे ही हो जाता है। जबकि एसई कार्यालय के अधीन लेखाधिकारी, कार्मिक अधिकारी का कार्यालय खुल चुका है, उनके द्वारा काम भी किया जा रहा है। अब एसीओएस शाखा ही बची है। खैरथल-तिजारा जिला गठन के बाद भिवाड़ी में विद्युत निगम का अधीक्षण अभियंता (एसई) कार्यालय खुला था। नए जिले गठन के बाद एसई का कार्यक्षेत्र कम हुआ था। पहले इसमें भिवाड़ी, बहरोड, बानसूर और किशनगढ़बास एक्सईएन को शामिल किया गया था। अब भिवाड़ी और किशनगढ़बास एक्सईएन हैं। पहले 19 एईएन अधिकार क्षेत्र में आते अब 11 एईएन हैं। किशनगढ़बास में मुंडावर एईएन कार्यालय को शामिल किया गया है जो कि पहले बानसूर एक्सईएन के अधीन था। बजट घोषणा में भिवाड़ी को विद्युत निगम का नया सर्किल बनाया गया था। सरकार ने भिवाड़ी एसई के कार्यक्षेत्र को सीमित किया। भिवाड़ी विद्युत उपखंड सबसे अधिक राजस्व देता है, उपभोक्ताओं की सहूलियत के अनुसार कार्यालय खोला गया। भिवाड़ी प्रति महीने 200 करोड़ से अधिक राजस्व देती है। एसीओएस शाखा के लिए निगम को कई बीघा जमीन की जरूरत होती है। सामान को स्टोर करने और यार्ड बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता होना जरूरी है। सर्किल के गठन के बाद जो कार्यालय कम जगह में शुरू हो सकते थे, उन्होंने कार्य प्रारंभ कर दिया। भिवाड़ी में जमीन महंगी हो चुकी हैं और सरकारी विभागों के पास भी भूमि नहीं बची है। इसकी वजह से देरी हो रही थी।