
जलभराव रोकने दिया था बेहतर प्रजेंटेशन, केंद्रीय मंत्री ने थपथपाई थी पीठ
भिवाड़ी. धारूहेड़ा (हरियाणा) और भिवाड़ी (राजस्थान) के गंदे पानी का मुद्दा वर्षों से बना हुआ है। इसी मुद्दे पर एक सितंबर 2022 को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ङ्क्षसह धारूहेड़ा स्थित एक होटल में बैठक लेते हैं। भिवाड़ी के स्थानीय एवं जयपुर मुख्यालय से आए आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहते हैं। भिवाड़ी के अधिकारी केंद्रीय मंत्री को बताते हैं कि करीब पांच सौ करोड़ के प्रोजेक्ट हैं, जिनके बाद भिवाड़ी का काला पानी शुद्ध हो जाएगा। दोबारा उपयोग होने लगेगा और धारूहेड़ा में नहीं आएगा। केंद्रीय मंत्री भी शाबासी वाले लहजे में कहते हैं कि बहुत अच्छा। हम लोग कोई हिंदुस्तान-पाकिस्तान नहीं हैं। दोनों तरफ की जनता एक ही है। अगर प्राकृतिक बहाव धारूहेड़ा है तो शोधित पानी इधर आए तो कोई परेशानी नहीं होगी। इस तरह हमारे अधिकारियों ने एक स्क्रिप्ट तैयार की और केंद्रीय मंत्री की बैठक को भलीभांति संपन्न करा दिया। लेकिन 18 महीने बीतने के बाद भी जो बिंदु बैठक में गिनाए गए उन पर उतना काम नहीं हुआ जितनी जरूरत थी। इसका नतीजा यह हुआ है कि हरियाणा ने बार-बार आ रहे गंदे पानी से परेशान होकर बैठक के करीब एक साल बाद अगस्त 2023 में हाईवे पर रैंप बना दिया। धारूहेड़ा पालिका को भी केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री का समर्थन मिला। जिसकी वजह से अलवर बायपास पर जलभराव शुरू हो गया।
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ये प्रोजेक्ट दिखाए, लेकिन हकीकत यह
केंद्रीय मंत्री को बैठक में 175 करोड़ का सीईटीपी अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट, 200 करोड़ का अमृत चरण द्वितीय सीवर प्रोजेक्ट, जलभराव और उसके उपयोग के लिए 100 करोड़ की बजट घोषणा बताई। इसके साथ ही अमृत चरण में 125 करोड़ से हुए एसटीपी सीवर के काम का भी जिक्र किया। लेकिन हकीकत यह है कि सीईटीपी से अभी तक इकाइयों के कनेक्शन और उनसे आने वाले पानी का मामला ही भ्रमित कर रहा है। प्रशासन ने 15 मार्च तक की अवधि निर्धारित की है। अमृत द्वितीय चरण का प्रोजेक्ट जमीन पर लागू नहीं हुआ है। जलभराव रोकने सौ करोड़ की डीपीआर भी फाइनल नहीं हुई है। अमृत चरण प्रथम में एसटीपी के पानी का भी निस्तारण नहीं हो रहा है।
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बैठक में ये रहे थे मौजूद
केंद्रीय मंत्री की बैठक में तत्कालीन संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले, शासन सचिव डॉ. जोगाराम, रीको एमडी रीको शिवप्रसाद नकाते, कलक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी, मेंबर सेक्रेट्री प्रदूषण मंडल वी प्रवीन, बीडा सीईओ रोहिताश्व ङ्क्षसह तोमर, एडीएम डॉ. गुंजन सोनी, प्रदूषण मंडल आरओ अमित शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे थे। हरियाणा की तरफ से भी उच्चाधिकारी शामिल हुए थे। दोनों राज्यों के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक भी बाद में निष्प्रभावी साबित हुई।
Published on:
29 Feb 2024 07:36 pm
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