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8720 एकड़ में हुआ भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार

70 के दशक में लगी नींव, पांच हजार से अधिक फैक्ट्री के साथ प्रदेश का दूसरा बड़ा औद्योगिक क्षेत्र

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8720 एकड़ में हुआ भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार

8720 एकड़ में हुआ भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार

भिवाड़ी. सन 70 का दशक और शुरुआत होती है भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की। एक के बाद एक औद्योगिक इकाई स्थापित होती हैं और धीरे-धीरे शामिल हो जाता है प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में। 8720 एकड़ में फैले औद्योगिक क्षेत्र में कई बड़ी फैक्ट्रियों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है। अभी तक 7937 एकड़ भूमि पर उद्योग लग चुके हैं। विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में अब मात्र 783 एकड़ भूमि ही उद्योग लगाने के लिए बची है। भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र को समृद्ध बनाने में दिल्ली के उद्यमियों का बड़ा योगदान है। दिल्ली से कम दूरी होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में उद्यमी आए और कारखाने लगाए।
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इस तरह के उद्योग लगे
भिवाड़ी के उद्योगों में बड़ा भाग ऑटो पाट्र्स का उत्पादन करने वाली इकाइयों का है। इसमें बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा यहां पर दो पहिया और चार पहिया वाहनों का निर्माण होता है। इन वाहनों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के पाट्र्स छोटी इकाइयों में निर्मित किए जाते हैं। इसके साथ ही इलेक्ट्रोनिक, ईवी, टॉय, शीशा, केमिकल, आयरन स्टील, मशीनरी एंड एयरकडीशनिंग, दवा और तरल पेय पदार्थ सहित अन्य कई प्रकार की फैक्ट्रियां हैं।
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पहले मिश्रित अब विशेष जोन बनाए
शुरुआत में भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में सभी तरह की इकाई एक साथ लगीं। अब विशेष तरह के जोन बनाकर उनमें उसी श्रेणी की फैक्ट्रियों को लगाया जा रहा है। इसके लिए यहां पर इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर, ऑटो जोन, ईवी जोन, स्पोर्ट गुड्स एवं टॉय जोन बनाया गया है।
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भिवाड़ी, कहरानी, मुंडाना मेव औद्योगिक क्षेत्र 3398 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 2117 भूखंड हैं जिसमें से 1997 आवंटित हो चुके हैं। रीको प्रथम इकाई में 43 एकड़ भूमि ही शेष बची है। वहीं खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र एक हजार एकड, चौपानकी 820 एकड़, सारेखुर्द 94, टपूकड़ा, 781, पथरेड़ी 538, कारोली 971, सलारपुर 1056 और बंदापुर 60 एकड़ में फैला हुआ है। 5056 भूखंड पर औद्योगिक इकाई स्थापित हो चुकी हैं। अब नई इकाई लगाने के लिए 504 भूखंड ही बचे हैं।
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जोन अनुसार यह है स्थिति
इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर में 14 फैक्ट्री, ऑटो जोन में 25 कंपनी, ईवी जोन में दो, एलसीना कलस्टर में सात, स्पोर्टस टॉय जोन में एक इकाई ने उत्पादन शुरू कर दिया है।
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जबरदस्त मांग बढ़ी
औद्योगिक क्षेत्र में मांग इतनी बढ़ चुकी है कि एक से डेढ़ साल में भूखंड के भाव 500 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। रीको ने नवंबर 2022 में 7200 रुपए प्रति वर्गमीटर के भाव पर नीलामी की थी। अब रीको ने नीलामी 16 हजार रुपए वर्गमीटर कर दी है। लेकिन यहां पर पूर्व में खरीदे गए निजी भूखंड 30 हजार रुपए से ऊपर के भाव पर बिक रहे हैं।
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फैक्ट फाइल
भूखंड संख्या - 5560
इतनी इकाइयों ने शुरू किया उत्पादन - 5056
इतने एकड़ में फैला औद्योगिक क्षेत्र - 8720
ऑटो जोन की सबसे अधिक इकाई- 42 प्रतिशत राजस्व
औद्योगिक क्षेत्र - 10 भागों में बंटा
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उद्योग लगाने के लिए अनुकूल वातावरण दिया जा रहा है। बीते दो दशक में औद्योगिक क्षेत्र का तेजी से विस्तार हुआ है।
शिवकुमार, यूनिट हेड, रीको
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बीते कुछ समय में काफी विकास हुआ है, लेकिन कुछ कमियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना है। औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी इकाई आने से अच्छा माहौल है।
दीपक अग्रवाल, उद्यमी