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औद्योगिक आवासीय क्षेत्र में हल्के एवं भारी वाहनों के एक रूट, हादसे की आशंका अधिक

सात महीने में ओवरस्पीड, ओवरलोड के 2600 चालान हुए

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भिवाड़ी. जयपुर में तेज रफ्तार डंपर ने कहर बरपाया। इसके बाद भिवाड़ी क्षेत्र में तेज रफ्तार और ओवरलोड वाहनों के नियंत्रण के लिए पड़ताल की गई। हकीकत में स्थिति नाजुक मिली। भिवाड़ी की भौगोलिक स्थिति और औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से तेज रफ्तार और ओवरलोड वाहनों पर नियंत्रण के लिए मिकेनिज्म की कमी है। भारी वाहनों के लिए निर्धारित रूट नहीं है। दो पहिया चार पहिया वाहनों के लिए जो मार्ग हैं, उन्हीं पर दिनभर भारी वाहन गुजरते हैं। भिवाड़ी से होकर रेवाड़ी पलवल हाईवे, अलवर भिवाड़ी मेगा हाईवे गुजरता है। इन हाईवे से आने वाले वाहन दिन-रात शहर के अंदर और औद्योगिक क्षेत्र में घुसते हैं। आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र को जोडऩे के लिए गौरवपथ, बैरियर से बीकेटी, टपूकड़ा से चौपानकी, मटीला से कहरानी की सडक़ है लेकिन इनके बीच में ही यूआईटी सेक्टर, ग्रामीण आबादी और श्रमिक कॉलोनियां हैं। हर वक्त भारी वाहन चलने से दुर्घटना का खतरा रहता है। भिवाड़ी मोड से नीलम चौक तक बाजार पड़ता है, यहां से दिनभर भारी वाहन गुजरते हैं। गत वर्ष समतल चौक पर ट्रक की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई। बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से दिन-रात भारी वाहनों का आवागमन होता है। सभी तरह के वाहनों के लिए एक रूट होने से हादसों की आशंका अधिक रहती है। गत दिनों गाडपुर मोड पर भी बाइक सवार युवक ट्रक की चपेट में आ गया और सिर कुचलने से मौके पर मौत हो गई।