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औद्योगिक माहौल की निकल रही हवा, रीको के भूखंड में लहलहा रही फसलें

खेती होने से कृषि क्षेत्र में प्लांट लगाने जैसा बन रहा दृश्य

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भिवाड़ी. औद्योगिक क्षेत्र सलारपुर, खुशखेड़ा, कारोली में नए निवेशक आ रहे हैं। सरकार की मंशा है कि नए उद्यमियों को औद्योगिक माहौल दिया जाए। इसके लिए बिजली, पानी, अच्छी सडक़, नाली, कचरा निस्तारण और दूषित पानी के शोधन के लिए सीईटीपी की व्यवस्था की जाए। साथ ही सभी तरह की एनओसी भी दिलाई जाएं, जिससे कि उत्पादन में किसी तरह की बाधा नहीं आए। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से धरातल पर औद्योगिक माहौल की हवा निकाली जा रही है। उक्त औद्योगिक क्षेत्र में कई भूखंड ऐसे हैं जहां रीको ने भूखंड का लैंडमार्क और चारदीवारी कर रखी है, इसके बावजूद फसल लहलहा रही है। एक तरफ औद्योगिक इकाइयां करोड़ों का निवेश करने के बाद उत्पादन शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं इकाइयों के बराबर में खेतों में फसल लहलहा रही है। इस तरह के दृश्य से कई बार ऐसा लगता है कि उद्यमियों ने औद्योगिक भूखंड पर उत्पादन शुरू नहीं किया है, बल्कि किसी कृषि क्षेत्र में प्लांट स्थापित कर लिया है। उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र में ऊंची दरों पर भूखंड खरीदते हैं, इसके बावजूद उन्हें उस तरह का माहौल नहीं मिलता। औद्योगिक क्षेत्र में खाली भूखंड पर फसल बोकर खेती करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। काश्तकारों को खेती योग्य जमीन दिखने पर उस पर फसल बो दी जाती है। बाद में फसल की कटाई और कुटाई के समय धूल उड़ती है जिससे कंपनियों में परेशानी आती है। इसके बावजूद इस तरह की स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। जबकि फसल बुआई के समय रीको अधिकारी ध्यान नहीं देते। अगर उसी समय काश्तकारों को रोका जाए तो इस तरह की समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। औद्योगिक क्षेत्र के बीच में फसल उगाने से कई बार बड़े निवेशक प्रभावित होते हैं। एमएनसी कंपनियों के प्रतिनिधि औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की संभावना तलाशने आते हैं। जब उन्हें इस तरह औद्योगिक क्षेत्र के बीच में फसल उगती हुई मिलती है, तब वे निवेश से हाथ पीछे खींच लेते हैं। गत वर्ष में कई बार ऐसा हुआ है, जब कई बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि मौका देखने पहुंचे, उद्योग क्षेत्र के माहौल ने उन्हें निराश किया और वे लौटकर नहीं आए। स्थानीय अधिकारियों के यहां कार्यरत होने की वजह से औद्योगिक भूखंड में फसल बुआई रोकने की जिम्मेदारी है। रीको के उच्चाधिकारी विभिन्न बैठक और अन्य कारणों से औद्योगिक क्षेत्र में आते रहते हैं। उन्हें भी इस तरह की समस्या को दूर करने पर ध्यान देना होगा।