उन्होंने बताया कि टीकाकरण शुरू करते समय गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के कार्ड बनाए जाते है। इनमें एक कार्ड स्वास्थ्य केन्द्र में और एक टीका लगवाने वाले बच्चों के अभिभावकों या महिला के पास रहता है। कई बार गर्भवती महिलाएं या बच्चे काली खंासी, खसरा, तपेदिक, डायरिया, हैपेटाईटिस बी,पोलियो आदि बिमारियों से बचाव के पूरे टीके नहीं लगवा और वे टीकाकरण को अधूरा छोड़ देते है, जिस कारण भविष्य में उनमें बिमारी पैदा होने की संभावना बनी रहती है। इन गंभीर बिमारियों से रक्षा के लिए इंद्रधनुष के रूप में सपूर्ण टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान जिन गर्भवती महिला या बच्चों के बीसीजी, बी टू वन आदि के सभी टीके नहीं लगे है उनको फिर से टीके लगाए जाएंगे।