
अब कक्षा दसवीं में विद्यार्थी अगर एक भी विषय में फेल होता है तो उसे सप्लीमेंट्री दी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नए सत्र से बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद कर दिया है। योजना के तहत छह में पांच विषय में पास होने पर विद्यार्थी को पास कर दिया जाता था। चार साल पहले इसे लागू किया था।
योजना बंद होने के बाद कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में पास होना जरूरी होगा। पूरे प्रदेश से परीक्षा में नौ से दस लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। इस योजना को शुरू करने के पीछे मुय उद्देश्य रिजल्ट में सुधार करना था।
कक्षा दसवीं में छह विषय हैं। लेकिन बीते कुछ सालों में विद्यार्थियों को केवल पांच विषय की अंकसूची मिल रही थी। इस अंकसूची में वे विषय शामिल होते थे जिनमें अंक सबसे ज्यादा होते थे। सर्वाधिक पांच अंक लाने वाले विषयों के नंबर जोड़कर रिजल्ट घोषित होता रहा है।
जिस विषय में सबसे कम अंक वह रिजल्ट से बाहर कर दिया जाता था। अब नए सत्र से अंकसूची में सभी छह विषय और अंक शामिल रहेंगे। इस काअसर रिजल्ट पर होगा।
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) की 10वीं-12वीं में फेल विद्यार्थी रुक जाना नहीं योजना के तहत दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए वे 5 मई तक एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 12वीं की परीक्षा 20 मई से 7 जून तक और 10वीं की परीक्षा 21 मई से 30 मई तक होगी।
10 से 18 मई तक केंद्रों पर प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। शिक्षा बोर्ड की दोनों परीक्षाओं में इस बार करीब 5.60 लाख विद्यार्थी फेल हुए हैं।10वीं में दो लाख 15 हजार 411 और 12वीं में दो लाख दो हजार 142 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं।
शिक्षण सत्र 2024-25 में बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति खत्म की जा रही है। अब तो दसवीं की परीक्षा होगी उसमें पहले की तरह मूल्यांकन होगा।
-केडी त्रिपाठी, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल
Updated on:
27 Apr 2024 01:45 pm
Published on:
27 Apr 2024 01:29 pm
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