8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP की 10 धरोहर यूनेस्को की सूची में हो सकती हैं शामिल

- पर्यटन विभाग केंद्र सरकार को भेजेगा प्रस्ताव, ओरछा और मांडू को परमानेंट लिस्ट में शामिल कराने का ड्राफ्ट भी तैयार

2 min read
Google source verification
mp_special.png

World Heritage Day : MP Special

भोपाल। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर ही मध्यप्रदेश की पहचान हैं। अब यही धरोहर विश्व मानचित्र पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली है। पर्यटन विभाग प्रदेश की 10 धरोहरों को यूनेस्को की वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अभी इनका संरक्षण एएसआइ (ASI) और राज्य पुरातत्व विभाग कर रहा है। सबसे ज्यादा तीन साइट्स मंदसौर जिले की हैं।

मांडू का ड्राफ्ट किया जा रहा तैयार
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अभी मध्यप्रदेश में तीन विश्व विरासत सांची, भीमबैठका और खजुराहो हैं। मांडू और ओरछा को भारत सरकार की परमानेंट लिस्ट में शामिल कराने की तैयारी है।

ओरछा का डोजियर सरकार को भेज दिया गया है। मांडू के ड्राफ्ट का काम भी अंतिम चरण में है। हर साल केंद्र को देशभर से 10 से 12 प्रस्ताव मिलते हैं। इसमें से किसी एक साइट के प्रस्ताव को सरकार यूनेस्को को भेजती है।

1. कुंडी भंडारा, बुरहानपुर- कुंडी भंडारा को श्नाहर-ए-खैर-जरी्य के नाम से भी जाना जाता है। इसके माध्यम से पानी को शुद्ध करने के साथ एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है।

2. ग्वालियर का किला- इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में राजा मानसिंह ने कराया था। यह किला मध्यकालीन स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है। इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था।

3. रॉक आर्ट ऑफ चंबल वैली, मंदसौर- जिले के भानपुरा में दाराकी-चट्टान (पहाड़ी) में पेट्रोग्लिफ रॉक कला दुनिया की सबसे पुरानी रॉक कला में से एक है। यह लगभग 2 से 5 लाख साल पुरानी है।

ये भी पढ़ें -विश्व में टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध इस गांव के जंगलों में धधकी आग, 50 एकड़ का एरिया प्रभावित. देखें वीडियो

4. चतुर्भुजनाला के शैलचित्र- मंदसौर के गांधीसागर अभयारण्य के चतुर्भुज नाला के पास रॉक शेल्टर्स में दुनिया की सबसे लंबी (लगभग पांच किलोमीटर) प्रागैतिहासिक कालीन शैलचित्र श्रंखला मौजूद है। इसमें ढाई हजार से ज्यादा शैलचित्र मौजूद हैं।

5. धमनार की गुफाएं- मंदसौर स्थित धमनार गुफाओं में चट्टानों को काटकर बनाए गए इस स्थल में 51 गुफाएं, स्तूप और सघन आवास हैं, जिन्हें 7वीं शताब्दी ईस्वी में तराशा गया था। यहां निर्वाण मुद्रा में गौतम बुद्ध की मूर्तियां हैं।

6. भोजपुर और आशापुरी मंदिर- आशापुरी मंदिर का निर्माण 10वीं-11वीं शताब्दी में हुआ था। इनके निर्माण में किसी भी प्रकार के मसालों का उपयोग नहीं किया गया, बल्कि पत्थर के ऊपर पत्थर रखकर मंदिर तैयार किए गए थे। वहीं, भोजपुर मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में राजा भोज ने कराया था। इस मंदिर को पांडवकालीन भी माना जाता है।

7. चैसठ योगिनी मंदिर, जबलपुर- मंदिर में देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों की प्रतिमा है। बीच में भगवान शिव की प्रतिमा है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में कल्चुरी शासक युवराज देव प्रथम ने कराया था।

8. बांधवगढ़ नेशनल पार्क- ये प्राकृतिक साइट की श्रेणी में शामिल है। उमरिया जिले में स्थित पार्क में करीब 110 बाघ सहित बारहसिंगा, चीतल सहित अन्य जानवर भी हैं।

9. मितावली, मुरैना- यहां चैसठ योगिनी मंदिर 9वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसमें 101 खंभे और 64 कमरों में एक-एक शिवलिंग है। ब्रिटिश वास्तुविद सर एडविन लुटियंस ने भारत का संसद भवन का डिजाइन इसी मंदिर से प्रेरित होकर बनाया था।

10. बाग की गुफाएं और डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान- बाग की 9 गुफाओं में बौद्ध मठ और मंदिर हैं। इन्हें 5-6वीं शताब्दी में बनाया गया था। वहीं, डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान में 7.5 करोड़ वर्ष पुराने डायनासोर के फॉसिल मौजूद हैं।