
पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे बड़ा तालाब सहित 150 स्थल
भोपाल. राजधानी भोपाल जल्द ही पर्यटन नगरी के तौर पर प्रदेश और देश में पहचान बनाएगी। क्योंकि भोपाल के करीब 150 स्थलों को जोडक़र पर्यटन सर्किट बनाया जा रहा है। धार्मिक ऐतिहासिक के साथ प्राकृतिक स्थलों को जोडक़र तैयार किए जा रहे सर्किट से शहर के 60 हजार से अधिक लोगों को कारोबार से जोड़ेंगे।
अभी यह स्थिति: इसके लिए भोपाल मास्टर प्लान 2005 में बदलाव किया था। भोपाल स्मार्ट सिटी ने इस सर्किट के लिए प्लाङ्क्षनग की थी, अब यह प्लाङ्क्षनग नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय मास्टर प्लान में शामिल कर पुख्ता की जा रही है। मार्च में इस पर अंतिम नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। इसके बाद शहर विकास से जुड़ी एजेंसियां इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवा कर जमीनी काम पूरा करेगी।
इसलिए जरूरी है सर्किट
भोपाल में वन क्षेत्र से लेकर बड़ा तालाब व अन्य तालाब, बांध, नवाब कालीन और परमार कालीन स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्पॉट, भोजपुर, भीम बेटका से लेकर सांची का ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। सदर मंजिल से लेकर शीश महल, परी बाजार पुराने शहर के मंदिर मस्जिदों के साथ नवनिर्मित क्षेत्र है। मानव संग्रहालय- जनजाति संग्रहालय देखने योग्य हैं। भोपाल एकमात्र ऐसा शहर है जहां पर 40 से 50 एकड़ के पार्क हंै। सात पहाडिय़ों के साथ ही 14 छोटे-बड़े ताल तलैया भी हैं।
अभी यह स्थिति
शहर के भीतर या बाहर से आया व्यक्ति यदि भोपाल के ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के साथ ही धार्मिक महत्व के स्थलों को देखना चाहे तो ऐसा कोई रूट मैप, बस सेवा या पर्यटन वाहन सेवा नहीं है। उसे या तो निजी तौर पर कोई गाड़ी करना होगी, लेकिन उसमें भी रूट नहीं मिलने से वह कुछ ही जगह घूम पाएगा। ऐसे में एक रूट मैप और वहां आवाजाही के लिए सटीक रास्तों की जानकारी व वाहनों की जानकारी तय होने से लोगों को मनचाही जगह पर पहुंचने के लिए आसानी होगी। संबंधित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा। अभी पूरी भीड़ बोट क्लब पर ही होती है। शनिवार- रविवार को 4000 से 5000 लोग यहां पर तालाब को निहारने पहुंचते हैं। प्लानर्स को उम्मीद है कि यदि शहर के सभी स्थलों का रूट मैप सर्किट बनाकर तय किया तो एक जगह ना एकत्रित होकर मूङ्क्षवग होगी।
पिकनिक सर्किट समेत अन्य प्रावधानों को लेकर भोपाल 2005 मास्टर प्लान में बदलाव करने सुझाव आपत्ति की प्रक्रिया की जा रही हैं। जल्द ही इन पर अंतिम नोटिफिकेशन करेंगे।
श्रीकांत बनोठ, आयुक्त सह संचालक, नगर था ग्राम निवेश
Published on:
15 Feb 2024 07:01 pm
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