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भोपाल और विदिशा में बाढ़ में फंस गए 200 लोग, नर्मदा और बेतवा खतरे के निशान के ऊपर

सरकार ने सेना की मदद मांगी

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भोपाल. मध्यप्रदेश में भारी बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पिछले 24 घंटे के दौरान भोपाल में सबसे ज्यादा 7.5 इंच बारिश हो चुकी है। कई जिलों में सोमवार को स्कूलों की छुट्टी रही, जबकि भोपाल में मंगलवार को भी अवकाश घोषित कर दिया गया है। सुकतवा नदी के उफान पर आने से औबेदुल्लागंज-बैतूल नेशनल हाईवे सुबह से बंद है। अनूपपुर में लैंड स्लाइड होने के कारण मध्यप्रदेश का छत्तीसगढ़ से रोड संपर्क टूट गया है। नर्मदापुर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यहां सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर डेंजर पॉइंट से ऊपर हो चुका है। इस बीच राजधानी भोपाल और विदिशा में कई लोग फंस गए हैं. विदिशा में बेतवा खतरे के निशान को पार कर गई है.

भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के पास कोल्हुआकला गांव में 100 लोग फंसे हुए हैं। गांव गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल में उमा विहार कॉलोनी के सामने है। यहां के घरों में 5 फीट तक पानी भरा है। बिजली भी कटी हुई है। लोगों का आरोप है कि मदद के लिए सुबह से फोन लगा रहे हैं लेकिन कोई नहीं आया। पानी भरा होने के कारण खाना तक नहीं बन पाया। ऐसे में कई लोग घर छोड़ कर भी चले गए हैं।

100 लोगों को एयर लिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग - इधर विदिशा में हालत बेहद खराब हैं. यहां 100 लोगों को एयर लिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर की मांग की गई. लगातार बारिश से जिले के गंजबासौदा के समदपुर गांव और त्योंदा के हथवास गांव के लोग बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। इस सूचना के बाद प्रशासन ने यहां के करीब 100 लोगों को एयर लिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की। विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने इसके लिए मदद मांगी है। ग्रामीणों को रेस्क्यू कर गंजबासौदा के संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय में रखा जाएगा। यहां अभी एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुटी है.