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प्रदेश के इन जांबाजों के दम पर चीन के लिए भारतीय सेना तैयार

सुदर्शन चक्र कोर में दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह ...देश की रक्षा में तैनात सैनिकों के अदम्य साहस और वीरता के सम्मान का साक्षी बना...

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21 sudarshan chakra, Sudarshan Chakra Corps,  21 Corps of Indian Army

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भोपाल। गुरुवार को एयरपोर्ट रोड स्थित 21 सुदर्शन चक्र कोर में सेना के दक्षिणी कमान के अलंकरण समारोह में 63 सैन्यकर्मियों को सेना मेडल से सम्मानित किया गया। सात सैन्यकर्मियों को मरणोपरांत सम्मान मिला। जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिण कमान लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हैरिज के मुख्य आतिथ्य में सैन्यकर्मियों को विभिन्न मेडल से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हैरिज ने कहा कि चीन के लिए हमारी तैयारी पूरी है। सेना हर स्तर पर जवाब देने में सक्षम है और किसी भी मुकाबले के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पत्थरबाजी की वारदात में कमी आई है और उम्मीद है कि जल्द ही घाटी में शांति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि राजधानी को जल्द ही सेना के रेसिडेंसियल स्कूल की सौगात मिलेगी। प्रदेश में फोर्स स्ट्रक्चर के लिए नए स्टेशन की आवश्यकता नहीं है। हैरिज ने कहा कि मप्र सरकार का हमेशा सहयोग मिला है।

कार्यक्रम में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला एवं सेना अधिकारियों ने भागीदारी की। तीन सैन्य अधिकारियों को उनकी अद्वितीय सेवा के लिए दो-दो मेडल से नवाजा गया। इनमें प्रवीण दीक्षित एवं राकेश कुमार शमिल हैं।

आंखें हुई नम...

समारोह में सात सैन्यकर्मियों को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। शहीदों की पत्नियों ने ये सम्मान प्राप्त किया। मेडल लेते समय सभी की आंखें नम हो गईं। कर्नल रणजीत सिंह पवार की पत्नी मेजर रेणु ओहलान, मेजर तहिर हुसैन की पत्नी नसीमा सुल्तान हुसैन खान, लांस नायक आश कुमार गुरुंग की पत्नी सीता गुरुंग, नायक विजयाकुमार की पत्नी जे संगीता, राममूर्ति एन. की पत्नी सुनीता, हवलदार एलुमलाई की पत्नी ई जमीना रानी, कृष्णनन मनोज कुमार की पत्नी वीना मनोज कुमार ने सेना मेडल लिए।

उन मातओं को सलाम जिन्होंने ऐसे शूरवीर दिए

लेफ्टिनेंट जनरल हैरिज ने कहा कि हम उन वीर शहीदों को याद करते हैं, जिन्होंने देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर किए और उन माताओं को भी सलाम करते हैं, जिन्होंने ऐसे शूरवीरों को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि सैनिक जंग के मैदान में यही सोचकर जाता है कि मैं देश के लिए जान लगा दूंं। आतंकवादियों से लड़ते हुए व देश की रक्षा करते हुए जिन जवानों ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया, वो आने वाली पीढिय़ों के लिए एक मिसाल है।

ये मेडल दिए समारोह में

06 युद्ध सेवा मेडल
24 सेना मेडल (वीरता)
14 सेना मेडल (विशिष्ठ)
04 बार टू विशिष्ठ सेवा मेडल
18 विशिष्ठ सेवा मेडल

मेडल पाकर गर्व महसूस किया

मेरे पापा व ताऊ भी सेना में थे, उन्हीं से मुझे सेना ज्वॉइन करने की प्रेरणा मिली। सेना का हर जवान तन-मन-धन से देश की सेवा करता है। मैं मेडल पाकर गौरवान्वित हूं।
मुनीश गुर्जर, (सेना मेडल पदक विजेता)

मेडल पाकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। सम्मान से उत्साहवर्धन होता है। ये मेरे लिए यादगार लम्हा है।
हेमचंद कोइराला (सेना मेडल पदक विजेता)