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आउटसोर्स और निजी कंपनियों में भी लागू होगा 27% आरक्षण

MP News: प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा आउटसोर्स पर की जा रही भर्तियों में भी आरक्षण लागू होगा। जिसमें ओबीसी वर्ग को 27 फीसद आरक्षण मिलेगा। निजी कंपनियों को भी इस आरक्षण रोस्टर का पालन करना होगा।

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27 percent reservation applicable in outsourced and private companies

27 percent reservation applicable in outsourced and private companies (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)

MP News: प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा आउटसोर्स पर की जा रही भर्तियों में भी आरक्षण लागू होगा। जिसमें ओबीसी वर्ग को 27 फीसद आरक्षण(OBC Reservation) मिलेगा। निजी कंपनियों को भी इस आरक्षण रोस्टर का पालन करना होगा। सर्वदलीय बैठक में सरकार को यह सुझाव गुरुवार को विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर सहमति दी।

मुख्यमंत्री बैठक के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी दलों ने विधानसभा में भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी थी कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर कई अलग-अलग प्रकरण चल रहे हैं, सभी पर चर्चा की और एक सर्वदलीय संकल्प भी पारित किया, जिसमें सभी दलों ने एकजुट होकर ओबीसी आरक्षण के लिए एक प्लेटफॉर्म पर आने तथा विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के माध्यम से इसे क्रियान्वित किए जाने पर सहमति जताई है।

इन मायनों में सर्वदलीय बैठक अहम

  1. कांग्रेस से मुद्दा छीनने का प्रयास: ओबीसी आरक्षण(27 percent reservation) को मप्र कांग्रेस मुद्दा भी बनाए हुए थी, जिलों में ज्ञापन सौंपे जाने लगे थे। कांग्रेस नेता सभाओं में सरकार को लगातार घेर रहे थे। सरकार ने इस बैठक से कांग्रेस के हाथ से ज्लवंत मुद्दा छीनने और ओबीसी आरक्षण का श्रेय लेने के प्रयास का भी प्रयास किया।

2.बिहार चुनाव- ओबीसी को साधने का प्रयास: ओबीसी आरक्षण का मुद्दा प्रदेश ही नहीं देश में भी गरम है। राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार भाजपा पर ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग की अनदेखी के आरोप लगा रहे हैं। वहीं प्रदेश में भी इसको लेकर ओबीसी वर्ग असंतुष्ट दिख रहे थे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा 27त्न आरक्षण के जरिए आगामी बिहार चुनाव पर भी निशाना साध रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार की आशंका यह भी थी कि झारखंड चुनाव के दौरान मप्र के पेशाब कांड की तरह बिहार चुनाव में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी उठ सकता था।

कांग्रेस का पलटवार

अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की कानूनी अड़चनों का जल्द निराकरण किया जाए ताकि इस वर्ग के छात्रों और युवाओं को उनका संवैधानिक अधिकार तुरंत मिल सके। जिन्होंने पिछले 6 साल तक ओबीसी आरक्षण को रोके रखा, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में यह बातें रखीं। इसमें कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल, वरिष्ठ अधिवक्ता वरुण ठाकुर एवं रामेश्वर ठाकुर शामिल हुए।

मीडिया से नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा, कांग्रेस लगातार कह रही है कि ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। कांग्रेस सरकार इसे विधानसभा में लेकर आई, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया। सिंघार ने बताया, सीएम ने कई पेचीदगियों का उल्लेख किया, जिन पर कांग्रेस नेताओं ने ठोस सुझाव दिए।

ओबीसी आरक्षण पर कब क्या हुआ

  • सरकार ने मार्च 2019 को अध्यादेश लाकर ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया। 14 अगस्त 2019 को विधानसभा में विधेयक पारित कर कानून लागू।
  • 19 मार्च 2019 को दायर याचिका डब्ल्यूपी 5901/ 2019 (आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) सहित 40 से अधिक प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में प्रचलन में हैं, जिनमें मूलत: अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश, अधिनियम में 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर रोक लगाई गई है। हालांकि अधिनियम की वैधानिकता पर न्यायालय द्वारा कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की। अधिनियम आज की स्थिति में वैधानिक है एवं इसकी वैधानिकता पर वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्रमांक रिट पिटिशन (एस) (सिविल) नंबर (एस). 606/2025 में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2025 से होना नियत है।
  • आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन में अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश के आधार पर 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण महाविद्यालय में प्रवेश के दौरान न देने के निर्देश दिए। अन्य याचिकाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ प्रकाशित विज्ञापनों पर रोक लगाई गई। उक्त प्रकरणों में समय-समय पर पारित अंतरिम आदेश के कारण 27 प्रतिशत अन्य पिछडा वर्ग आरक्षण का क्रियान्वयन संभव नहीं हो पाया है।
  • मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में जुलाई 2025 को नए अध्यक्ष, सदस्यों की नियुक्ति की। इसके पहले पिछड़े वर्गों की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक प्रस्थिति, इस वर्ग के पिछड़ेपन के कारणों के अध्ययन कर आयोग ने दो प्रतिवेदन दिए। अन्य स्थानों से भी अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करवा रहे, इस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।