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400 करोड़ से बिछेगी 300 किमी पाइपलाइन, ३६ लाख को लाभ

2040 तक राजधानी के 100 फीसदी लोगों को पानी देने की योजना

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400 करोड़ से बिछेगी 300 किमी पाइपलाइन, ३६ लाख को लाभ

400 करोड़ से बिछेगी 300 किमी पाइपलाइन, ३६ लाख को लाभ

भोपाल. दो महीने में आपको शहर में जलापूर्ति को लेकर बड़े काम नजर आएंगे। नए क्षेत्रों में करीब 300 किलोमीटर लंबी नई पानी की लाइन बिछाने का काम शुरू होगा। विधानसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके लिए डीपीआर बनाई गई थी। अब तय किया गया है कि किसी भी स्थिति में अप्रैल-मई में जमीनी काम शुरू हो जाए। केंद्र की अमृत दो योजना के तहत 369 करोड रुपए से काम शुरू होगा। 2040 तक शहर की आबादी 36 लाख से ज्यादा का अनुमान है। इस हिसाब से आज से व्यवस्थाएं जुटाना शुरू करना ही बेहतर है। वर्तमान में शहरी सीमा की 23 लाख की आबादी में 20 लाख लोगों तक ही पानी पहुंच रहा है, आज भी दो से तीन लाख लोग पानी से वंचित हैं।
ऐसे बढ़ रही आबादी, इसलिए पानी की अतिरिक्त जरूरत
राजधानी की आबादी सालाना 2.35 फीसदी की दर से बढ़ रही है। 2024 में शहरी आबादी 26 लाख के करीब है। सालाना इसमें 60 हजार नई आबादी जुड़ रही है। ऐसे में 16 साल में आबादी 36 लाख के करीब होगी। अभी पानी मौजूदा आबादी से दस फीसदी कम के लिए है। ऐसे में जल की व्यवस्था करने के साथ सालाना 60 हजार दर से बढ़ रही आबादी की व्यवस्था की जरूरत है।

इन चुनौतियां निपटना आसान नहीं
- निर्माण के दौरान पूरे शहर को पानी की कटौती का सामना करना पड़ेगा, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को नए सिरे से बनाने के लिए उसे बंद करना होगा।
- जहां नई लाइन बिछेगी वहां की सडक़ को खोदना होगा, इसके बाद रेस्टोरेशन की दिक्कत। आवाजाही के साथ ही धूल कण से प्रदूषण भी बढ़ेगा।
- 150 छोटे बड़े लीकेज: शहर में करीब 3000 किमी लाइनें बिछी हैं। इनमें 150 से अधिक जगह पर छोटे बड़े लीकेज से रोजाना दो लाख लीटर से ज्यादा पानी बहता है।
इसलिए जरूरी
- 57 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर के अनुसार अभी जलापूर्ति सिस्टम
- 70 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर हो चुकी आबादी
- 107 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर होगी 2040 में आबादी
- 61 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) जल आपूर्ति क्षमता बढ़ाई जा रही।
- 10 लाख लोगों को आपूर्ति करने के लिए पानी की व्यवस्था करनी है
- 65 किमी दूर नर्मदा से 35 फीसदी आबादी के लिए पानी ला रहे अभी
- 515 एमएलडी है रोजाना पानी की आपूर्ति
- 580 एमएलडी तक बढ़ेगी क्षमता