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एमपी में कोई नहीं बनना चाहता इंजीनियर, कॉलेजों में 40 हजार सीटें खाली

Engineering colleges in MP- वक्त कितनी जल्दी बदलता है, एमपी के इंजीनियर कॉलेजों का नजारा यह साफ बता देता है। कुछ साल पहले तक जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी वे केंपस अब सुनसान पड़े हैं।

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40 thousand seats vacant in engineering colleges in MP

40 thousand seats vacant in engineering colleges in MP

Engineering colleges in MP- वक्त कितनी जल्दी बदलता है, एमपी के इंजीनियर कॉलेजों का नजारा यह साफ बता देता है। कुछ साल पहले तक जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी वे केंपस अब सुनसान पड़े हैं। कॉलेजों में एडमिशन के लिए जबर्दस्त मारामारी रहती थी, स्टूडेंट और उनके अभिभावक इसके लिए लाखों रुपए खर्च करने के लिए तैयार रहते थे। अब हाल ये हैं कि कोई इंजीनियर नहीं बनना चाहता, प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों की हजारों सीटें खाली पड़ी हैं। कई प्राइवेट कॉलेजों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए हर जतन किए जा रहे हैं।

प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए मंगलवार को एक और कवायद प्रारंभ की गई। यहां कॉलेज लेवल काउंसलिंग (CLC) सीएलसी की जा रही है। पहली CLC सीएलसी के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद 14 अगस्त तक अंतिम चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।

युवाओं का मोहभंग हुआ

एमपी में इंजीनियरिंग कोर्स से युवाओं का किस हद तक मोहभंग हुआ है इसे आंकड़ों से समझा जा सकता है। कॉलेजों में प्रवेश के लिए इससे पहले दो चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है तब भी ज्यादातर सीटें खाली हैं। हाल ये है कि कुल 73412 सीटों में से करीब 40 हजार सीटें खाली हैं। प्रदेशभर में इंजीनियरिंग कॉलेजों में अभी तक महज 32743 सीटें ही भर सकी हैं।

स्टूडेंट के अभाव में कई इंजीनियरिंग कॉलेजों का संचालन मुश्किल

एमपी में कुल 124 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए दो चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है। इनमें प्रवेश के लिए अब तीसरे चरण की काउंसलिंग शुरु की गई है। पर्याप्त स्टूडेंट के अभाव में राज्य के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों का संचालन मुश्किल हो रहा है।