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मध्यप्रदेश में राज्य सरकार गांवों के विकास पर ज्यादा जोर दे रही है। इसके अंतर्गत गांवों में बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत जरूरतें मुहैया कराई जा रहीं हैं। गांवों में शहर जैसी सुविधाएं मिले, इसपर फोकस किया जा रहा है। सरकार की इस मुहिम में वन विभाग भी शामिल हो गया है। विभाग ने प्रदेशभर के 5 सौ गांवों को नई जगह पर बसाने की योजना पर काम करना शुरु किया है। प्रदेश के घने जंगलों में बसे गांवों को हटाकर नई जगहों पर बसाकर इनका विकास किया जाएगा। जंगलों के गांवोें को हटाकर नई जगहों पर बसाने के काम की शुुरुआत राज्य के सभी टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्कों से की जाएगी। नई जगहों पर इन ग्रामीणों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
विकसित मध्यप्रदेश के लिए विजन डॉक्यूमेंट मप्र @2047 तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत वन विभाग ने अगले 23 साल के लिए लक्ष्य तय कर एक्शन प्लान बनाया है। इसमें विभाग ने प्रदेशभर के जंगलों में स्थित गांवोें को हटाकर नई जगहों पर बसाने की योजना बताई है।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार एमपी को देश दुनिया में टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्कों के लिए जाना जाता है। प्रदेश के जंगल बेहद घने हैं, यहां बाघ और चीता सहित सभी प्रकार के वन्य प्राणी बहुतायत में हैं। वन और वन्य जीवों के लिहाज से समृद्ध होने के साथ ही एक दिक्कत भी है। प्रदेश के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क में सैंकड़ों गांव भी हैं। इन गांवों में रह रही इंसानी आबादी से जहां जंगली जानवरों को खतरा है वहीं लोगों को भी विकास के अभाव में जीना पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश में ऐसे करीब 5 सौ गांव हैं। वन विभाग ने इन सभी गांवोें को 2047 तक नई जगहों पर बसाकर विकसित करने की योजना बनाई है। इसके हर साल औसतन दो से ढाई दर्जन गांवों को घने जंगलों से हटाकर शहरों के आसपास बसाया जाएगा। यहां चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी, रहवासियों के लिए बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। इस प्रकार प्रदेश के सभी 7 टाइगर रिजर्व और 11 नेशनल पार्कों व अभयारण्यों के बफर जोन में बसे गांवों को एक एक कर हटा दिया जाएगा।
Updated on:
02 Dec 2024 03:52 pm
Published on:
02 Dec 2024 03:50 pm
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