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एमपी में भारी पड़ेगी फर्जी उपस्थिति, आधा दर्जन कर्मचारियों को कर दिया बर्खास्त

Sarthak App- एमपी में कर्मचारियों, अधिकारियों के कार्यस्थल से गायब रहने पर सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। इसे रोकने के लिए विभिन्न विभागों ने एप प्रारंभ किए हैं पर इनमें भी फर्जी वाड़ा किया जा रहा है।

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6 employees sacked in MP for fake attendance

6 employees sacked in MP for fake attendance- image patrika

Sarthak App- एमपी में कर्मचारियों, अधिकारियों के कार्यस्थल से गायब रहने पर सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। इसे रोकने के लिए विभिन्न विभागों ने एप प्रारंभ किए हैं पर इनमें भी फर्जी वाड़ा किया जा रहा है। एप पर भी फर्जी उपस्थिति दर्ज की जा रही है। इस पर सरकार ने कड़ाई दिखाते हुए कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई की है। विभाग में एप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले 6 अतिथि विद्वानों का आमंत्रण निरस्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद हड़कंप सा मचा है।

प्रदेश के विदिशा जिले में उच्च शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। यहां के गंजबासौदा के शासकीय कन्या महाविद्यालय में आमंत्रित 6 अतिथि विद्वानों को विभाग ने तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया है। सार्थक ऐप पर छेड़खानी कर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के कारण इन सभी को बर्खास्त किया है।

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अन्यत्र स्थान से सार्थक ऐप पर उपस्थिति

विभागीय अधिकारियों के अनुसार उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दरसिंह परमार के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है। बर्खास्त किए गए अतिथि विद्वान संस्था में न होकर, अन्यत्र स्थान से सार्थक ऐप पर उपस्थिति लगाते हुए पाए गए। उनका यह कार्य अमर्यादित पाया गया।

अतिथि विद्वानों के आमंत्रण को तत्काल निरस्त करने के निर्देश

फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले अतिथि विद्वानों में प्रकाश चंद मौर्य, हेमंत कुमार अहिरवार, हेमंत कुमार सक्सेना, सूर्यकांत शर्मा, डॉ. सरताज मंजू पर्रे एवं संजय कुमार राय शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने इन अतिथि विद्वानों के आमंत्रण को तत्काल निरस्त करने के निर्देश जारी किए हैं।

बता दें कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक परिवेश को दूषित करने को गंभीरतापूर्वक लेकर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के अनुपालन में अधिकारियों ने गंजबासौदा में फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले अतिथि विद्वानों को हटा दिया।