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33 साल बाद बनेगा 7 मंजिला कॉम्प्लेक्स, निकाले जाएंगे 700 फ्लैट-200 दुकानें

MP News: अजंता कॉम्प्लेक्स का निर्माण 1992 में किया था। अब 33 साल बाद इसे फिर विकसित किया जाएगा।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: इंद्रपुरी पिपलानी स्थित अजंता कॉम्प्लेक्स को नए सिरे से बनाने की कवायद तेज हो गई है। भोपाल विकास प्राधिकरण ने कॉम्प्लेक्स की जमीन को नजूल नियमों के तहत आवंटन का आवेदन लगाया। करीब डेढ़ हेक्टेयर जमीन पर 700 नए फ्लेट और 200 दुकानें निकाली जाएगी। इस समय यहां दो भाग में करीब 300 फ्लेट हैं।

री-डेवलपमेंट में इनकी संख्या दोगुना से अधिक होगी। एमपी के भोपाल शहर में यह छह से सात मंजिला कॉम्प्लेक्स बनेगा। प्रशासन से बीडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए पिपलानी गांव स्थित खसरा क्रमांक 19, 21, 22, 23/21 की 3.45 हेक्टेयर जमीन में से 1.50 हेक्टेयर जमीन के आवंटन का आवेदन लगाया है।

1992 में बना कॉम्प्लेक्स

अजंता कॉम्प्लेक्स का निर्माण 1992 में किया था। अब 33 साल बाद इसे फिर विकसित किया जाएगा। शासन की री-डेवलपमेंट पॉलिसी के तहत ये प्रोजेक्ट बनेगा। रहवासी राजेंद्र मिराडकर का कहना है कि बीडीए की ओर से रहवासियों की सहमति की प्रक्रिया की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसे नए सिरे से बनाकर मौजूदा से 20 फीसदी ज्यादा बड़े घर दिए जाएंगे।

बीडीए का पहला प्रोजेक्ट

बीडीए का नए री-डेवलपमेंट पॉलिसी के बाद अजंता कॉम्प्लेक्स पहला प्रोजेक्ट है। अभी बीडीए रामनगर-परिबाजार री-डेवलपमेंट पर काम कर रहा है, लेकिन ये कई सालों से चल रहा है। बीडीए ने टीटी नगर री-डेवलपमेट का प्लान बनाया था, लेकिन बाद में ये स्मार्टसिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में चला गया। बीडीए के 60 फीसदी प्रोजेक्ट 30 साल से अधिक पुराने हो गए हैं।

15 दिन में मांगे सुझाव आपत्ति

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह का कहना है कि बीडीए ने प्रोजेक्ट के लिए मप्र नजूल भूमि प्रवर्तन निर्देश 2020 के तहत आवंटन का आवेदन किया है। इसके लिए स्थानीय एसडीएम के माध्यम से सुझाव आपत्ति की प्रक्रिया की जा रही है। पंद्रह दिन में सुझाव आपत्ति की जा सकती है।