
ई-वाहनों के लिए 2042 तक 800 चार्जिंग पॉइंट की जरूरत
भोपाल. शहर का उजाला सूरज की किरणों से होगा। शहर में 1125 मेगावॉट सोलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य तय करने के बाद बिजली कंपनी, ऊर्जा विकास निगम व नगर निगम ने इस पर काम शुरू कर दिया है। 2042 तक शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 800 चार्जिंग स्टेशन बनाने की जरूरत होगी। वहीं शहर की चार लाख छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यानि प्रति छत 12 यूनिट रोजाना के अनुसार बिजली पैदा की जाएगी, ये आंकड़ा 50 लाख यूनिट रोजाना के करीब होगा। सरकार ने दो माह में लक्ष्य प्राप्ति का समय तय किया है, लेकिन संबंधित विभागों के अनुसार इस दौरान काम गति पकड़ लेगा तो अगले एक से डेढ़ साल में लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी।
अभी 70 लाख यूनिट रोजाना की खपत
अभी शहर में साढ़े पांच लाख बिजली उपभोक्ता रोजाना 70 लाख यूनिट बिजली की खपत करते हैं। अब भी शहर में सोलर एनर्जी से करीब सात लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन सरकार शहर की खपत का 50 फीसदी यानि कम से कम 35 से 40 लाख यूनिट रोजाना सोलर एनर्जी से बनाने का कह रही है। मौजूदा प्लाङ्क्षनग के तहत 50 लाख यूनिट बनेगी। ये खपत का 70 फीसदी है।
किचन में भी जलने लगा सूर्य की किरणों से चूल्हा
केंद्र सरकार की सूर्य नूतन स्टोव योजना के तहत लोग पेट्रोलियम कंपनियों के माध्यम से सोलर एनर्जी से चलने वाले स्टोव की खरीदी करने लगे हैं। कंपनियों का कहना है कि आगामी एक साल में कम से कम १० फीसदी घरों में ये स्टोव होंगे। ये दिन और रात दोनों समय का खाना बना सकेंगे। इनके लिए चार्जिंग बैटरी में रातभर का बैकअप भी होगा। बिजली वायर की तरह ये करंट सूर्य नूतन स्टोव में भेजेगी, जिससे वह इंडक्शन कुकर की तरह काम करेगा।
रूफटॉप सोलर पैनल के लिए शहर से जुड़ी एजेंसियों से मिलकर काम कर रहे हैं। लक्ष्य के अनुसार हर घर व भवन तक स्थापना करेंगे।
जीएस मिश्रा, एमडी, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
Published on:
31 Jan 2024 07:42 pm
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