24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कांग्रेस ने बनाया ये अचूक प्लान! चुनाव से पहले ही भाजपा में बढ़ी टेंशन…

कांग्रेस ने बनाया ये अचूक प्लान! चुनाव से पहले ही भाजपा में बढ़ी टेंशन...

6 min read
Google source verification
congress plan

कांग्रेस ने बनाया ये अचूक प्लान! चुनाव से पहले ही भाजपा में बढ़ी टेंशन...

भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले चुनावों को देखते हुए भाजपा व कांग्रेस यानि दोनों बड़ी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुईं हैं।

वहीं इस बीच में किसी भी मुद्दे को न तो छोड़ने को तैयार हैं और न ही कहीं कमजोर पड़ने को। इसके अलावा भाजपा से नाराज किसानों व कर्मचारी वर्ग को लुभाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं जानकारों के मुताबिक भाजपा को भी लगातार अपने जनाधार को रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

इसी बीच दोनों पार्टियों में जहां तोड़फोड़ की गुंजाइश ढ़ूंढ़ी जा रही है। वहीं दोनों की एक दूसरे के वोट बैंक पर भी लगातार नजर बनी हुई है। जानकारों के अनुसार इन्हीं सभी स्थितियों को देखते हुए दोनों पार्टियां लगातार अपनी रणनीति में फेरबदल भी कर रहीं हैं।

भाजपा की समस्या...
दरअसल कुछ समय पहले भाजपा ने प्रदेश में एक सर्वे करवाया था, लेकिन ये सर्वे उसके लिए ही परेशानी का सबब बन गया है, सर्वे में सामने आई स्थिति ने उनकी नींद उड़ा दी है।
सर्वे में बताया गया है कि विंध्य और बुंदेलखंड में भाजपा के मौजूदा विधायकों में से 70 फीसदी की स्थिति अच्छी नहीं है। इसके पीछे इस क्षेत्र में नेताओं का आपसी टकराव भी वजह बताया गया है।

कांग्रेस का दांव...
कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस की नजर अब लोधी समाज पर है। जानकारों के अनुसार इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 जून को भोपाल में होने वाले लोधी समाज के सम्मेलन में शामिल होंगे।


MUST READ: बड़ी खबर: तैयार हो जाइये... बिजली देने जा रही है जल्द ही बड़ा झटका! जानिये कब

ज्ञात हो कि लोघी समाज में उमा भारती का खासा दबदबा रहा है, लेकिन अब उमा के वोट पर ही कांग्रेस ने अपना प्लान भी तैयार कर लिया है। दरअसल जानकारों के अनुसार मध्यप्रदेश में सफलता की आशाओं को देखते हुए पिछले 15 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा का किला गिराने के लिए कांग्रेस ने अब सियासी चालें चलना तेज कर दिया है।

ऐसे में अपनी जीत के लिए चुनाव से पहले कांग्रेस ने ऐसे वोट बैंक पर नजरें गढ़ा ली है, जो कि बीजेपी को तगड़ा वोट बैंक माना जाता है। पहले सिंधि समाज और उसके बाद अब कांग्रेस ने प्रदेश की 90 सीटों पर प्रभाव रखने वाले लोधी समाज को लुभाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। माना जा रहा है कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए भोपाल में 11 जून को होने वाले लोधी समाज के सम्मेलन में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों शामिल होने जा रहे हैं।


MUST READ: कांग्रेस इन अधिकारियों पर लेगी एक्शन, जानिये कौन हैं ये!

वहीं इस मामले में भाजपा का कहना है कि समाज के कार्यक्रम में किसी को बुलाना उनका अधिकार क्षेत्र की मामला है।

बहरहाल जानकारों की माने तो चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे राजनैतिक दलों का फोकस अब उस वोट बैंक पर है जो बड़ी सीटों को प्रभावित करते है और यहीं कारण है कि बुंदेलखंड की सीटों पर खासा दबदबा रखने वाले लोधी समाज पर अब कांग्रेस की नजर है। इसी के चलते पार्टी बड़े वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी में है, ताकि 2018 के चुनाव में अपनी जीत की राह को आसान बनाया जा सकेगा।

ऐसे समझें लोधी समाज का प्रभाव:-

दरअसल उमा भारती का हमेशा ही लोधी समाज पर खासा दबदबा माना जाता रहा है, लेकिन कहा जा रहा है कि सियासी माहौल में अब समीकरण बदल रहे हैं। वहीं यदि लोधी समाज की बात करें तो बुंदेलखंड समेत पूरे मध्यप्रदेश में ही लोधी समाज खासा प्रभाव है। खैर बुंदेलखंड ही नहीं प्रदेश के अंतिम छोर बालाघाट जैसे जिले में भी लोधी समाज का खासा असर है। इस समाज के मतदाताओं की संख्या प्रदेश में करीब 80 लाख से ज्यादा बताई जाती है। इसमें भी भाजपा सर्वे में जहां भाजपा को कमजोर बताया गया है यानि बुंदेलखंड क्षेत्र में भी लोधी समाज का सबसे ज्यादा प्रभाव है। जानकारों का मानना है कि यह समाज करीब 90 सीटों पर चुनावी गणित में सीधे दखल देता है।


MUST READ: राजनीतिक हलचल हुई और तेज अब चुनाव से पहले MP में टटोलेंगे सियासी नब्ज!

ऐसे समझे भाजपा की परेशानी...

दरअसल विधानसभा चुनावों को लेकर कराए गए भाजपा की ओर से कराए गए सर्वे में मौजूदा 166 विधायकों में से 77 खतरनाक स्थिति में हैं। वहीं केवल 89 विधायक ही ऐसे हैं, जो अपने क्षेत्र में फिर से जीतते नजर आ रहे हैं। इस सर्वे के सामने आने के बाद पार्टी बड़े मंथन में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने हाल ही में दिल्ली की एक संस्था से सर्वे करवाया था। अपेक्स नाम की इस संस्था के सर्वे जो कुछ सामने आया उसके अनुसार भाजपा के कई विधायकों की हालत पतली है।

सर्वे में सरकार के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी की बात तो सामने नहीं आई हे, लेकिन कई विधायकों से स्थानीय स्तर पर जनता बेहद नाराज है।

यह है बेहद खास...
इस पूरे सर्वे में एक खास बात ये भी है कि जिस संस्था ने यह सर्वे कराया गया है वह भाजपा के ही एक बड़े नेता से जुड़ी है। संघ से भाजपा में आए यह नेता इन दिनों राष्ट्रीय पदाधिकारी भी हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक यह संस्था पहले भी भाजपा के लिए काम कर चुकी है।

सर्वे में यह भी सामने आया है कि कई विधायकों के क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान न देने से इस बार उनका हारना तय लग रहा है। सर्वे में इन विधायकों के टिकट काटने की भी सलाह दी गई है।

सबसे ज्यादा हालत यहां है खराब...
सर्वे में बताया गया है कि विंध्य और बुंदेलखंड में भाजपा के मौजूदा विधायकों में से 70 फीसदी की स्थिति अच्छी नहीं है। इसके पीछे इस क्षेत्र में नेताओं का आपसी टकराव भी वजह बताया गया है।

इसके अलावा कुछ विधायकों के क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस का प्रभाव बढ़ने की बात कही गई है। वहीं ग्वालियर-चंबल में भी साठ फीसदी विधायकों को डेंजर जोन में बताया गया है। मालवा के इंदौर और आसपास के जिलों में भाजपा की स्थिति मजबूत बताई गई है। महाकौशल में भी अधिकांश सीटों पर भाजपा पहले जैसी स्थिति में है। जबकि मंदसौर और नीमच, झाबुआ और अलीराजपुर जैसे जिलों में इस बार सीटें कम होने की संभावना जताई गई है।

इधर, कांग्रेस की ये सूची देखकर चौंक जाएंगे आप...
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं। वहीं शुक्रवार को नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने शहडोल के भाजपा नेता नरेंद्र मरावी को कांग्रेस ज्वाइन कराते हुए दोहराया कि यह तो शुरूआत है। अभी कई नाम बाकी हैं।
वहीं राजनीति के जानकारों ने भी कांग्रेस में हुई मंदसौर बगावत के समय ही इस संबंध में कह दिया था कि दोनों पार्टियों में चुनाव के आसपास नेताओं के इधर से उधर का सिलसिला देखने को मिल सकता है।
वहीं कहा जा रहा है कि कई नेताओं को कांग्रेस में जोड़ने की इस दिशा में बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रहीं हैं। भाजपा में ऐसे दिग्गज नेताओं के नाम निकाले जा रहे हैं जो आरएसएस की पृष्ठभूमि से नहीं हैं और शिवराज सरकार से नाराज हैं या फिर संगठन में उन्हें महत्व नहीं मिला।

सबसे खास बात यह है कि इस लिस्ट में पूर्व मंत्री सरताज सिंह का नाम भी शामिल है लेकिन बाबूलाल गौर का नाम नहीं है। वहीं सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आ रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस की कथित लिस्ट में भाजपा के 2 मंत्री एवं 8 विधायकों के नाम दर्ज किए जा चुके हैं।

विधानसभावार असंतुष्टों की पहचान...
पहली बार कांग्रेस एक एक विधानसभा सीट पर भाजपा के असंतुष्टों की पहचान कर रही है। उनका सबसे पहला टारगेट है ऐसे नेता जो आरएसएस की पृष्ठभूमि से अलग केवल भाजपाई हैं। सामने आ रही जानकारी के अनुसार कांग्रेसी रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसे लोगों को आसानी से भाजपा से बाहर निकाला जा सकता है, जिससे कांग्रेस मजबूत होगी।

कुछ इन नामों को बताया जा रहा है लिस्ट में...
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस की तैयारियों के बीच कुछ नाम लीक हो गए हैं। कमलनाथ के कुछ भरोसेमंद नेता या तो इनके संपर्क में आ गए हैं या इनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। ये हैं कुछ नाम:
1. सरताज सिंह: जिन्हे फार्मूला 75 के नाम पर मंत्री पद से हटा दिया गया था। बाद में पता चला कि अमित शाह ने ऐसा कोई आदेश दिया ही नहीं था।
2. अजय विश्नोई: पिछले 5 साल से ठंडे बस्ते में। ना सत्ता में ना संगठन में।
3. राकेश चौधरी: कांग्रेस से भाजपा में गए थे परंतु भाजपा ने वादे पूरे नहीं किए। घरवापसी की तैयारी में हैं।
4. अनूप मिश्रा सांसद मुरैना: भाजपा में महत्व नहीं दिया जा रहा। क्षेत्र का पटवारी भी नहीं सुनता। कई बार अपना दर्द पार्टी मंच पर रख चुके हैं, परंतु फिर भी उन्हें राहत नहीं मिली।