
आखिर क्या है हनुमानजी की जाति, अब आचार्य निर्भय सागर ने कहा- जैन थे हनुमान
भोपाल. देश की सियासत में इन दिनों मुद्दों की कमी है। तभी तो राजनेता जनता की समस्याओं और दुखों पर चर्चा करने के बजाए भगवान की पर चर्चा कर रहे हैं। इन दिनों देश की राजनीति का सबसे बड़ा ज्वलंत मुद्दा है हनुमानजी कौन थे। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में वोटों की राजनीति में हनुमानजी की का नाम उछाला गया है। भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान की एक चुनावी रैली ने हनुमानजी को दलित बताया। जिसके बाद सियासत में सारे मुद्दे खत्म हो गए और हनुमानजी पर चर्चा शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश में भी हनुमान जी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। जैन आचार्य निर्भय सागर ने अब अलग बयान दिया है। आचार्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वो कहते दिख रहे हैं कि जैन दर्शन के कई ऐसे ग्रंथ हैं जिनमें हनुमानजी के जैन धर्म से होने की बात लिखी है। जैन धर्म में 24 कामदेव होते हैं। इनमें एक हनुमानजी हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर हनुमानजी हैं कौन?
क्या कहा था योगी आदित्यनाथ ने: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। बस फिर क्या था इसके बाद हनुमानजी को लेकर देश में सियासत शुरू हो गई।
भगवान हनुमान आदिवासी थे: योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया था कि भगवान हनुमान आदिवासी थे। साय ने कहा कि हनुमान जी अनुसूचित जनजातियों की तरह ही जंगलों में रहते थे, इसलिए हनुमानजी अनुसूचित जनजाति के थे। उन्होंने कहा था अनुसूचित जनजाति में हनुमान एक गोत्र होता है। इसके साथ ही कहा था दंडकारण्य में भगवान राम ने सेना बनाई थी उसमें ये जनजाति के लोग आते हैं। इसलिए हनुमान दलित नहीं, जनजाति के हैं।
बाबा रामदेव ने भी बताई जाति: हनुमानजी की जाति बताने के मामले में योगी गुरू बाबा रामदेव भी सामने आए उन्होंने झारखंड की राजधानी रांची में हनुमानजी की जाति बताते हुए कहा, हनुमान रामभक्त हैं। वे अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं।
आर्य समाज के हैं हनुमान: मोदी सरकार में मंत्री और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह ने भी हनुमानजी की जाति बताई। उन्होंने कहा, हनुमानजी आर्य थे। सिंह ने कहा, 'भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था। वाल्मीकी रामायण और रामचरितमानस को आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी। हनुमान जी आर्य थे।
हनुमान तो ब्राह्मण थे: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने रामचरित मानस की एक चौपाई का हवाला देते हुए कहा था, हनुमान ब्राह्मण थे न कि दलित। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि राममंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी ईमानदार नहीं है और वह सिर्फ चुनाव जीतने के लिए इस तरह के मुद्दे को हवा दे रही है।
Published on:
03 Dec 2018 03:33 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
