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15 घंटे बाद फिर धधकी लपटें, आग से खाक हो गया सतपुड़ा भवन

सतपुड़ा भवन के पश्चिमी हिस्से में सुबह फिर आग की लपटें दिखीं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अब स्थिति पूरी तरह काबू में है। भीषण आग से सतपुड़ा भवन की चार मंजिले खाक हो गई हैं।

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आग से सतपुड़ा भवन की चार मंजिले खाक

भोपाल. सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम आग लग गई। इस भीषण आग को बुझाने के लिए राजधानी में पहली बार रोड इमरजेंसी घोषित की गयी। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों के लिए कॉरिडोर जैसा बनाया गया और रोड क्लियर की गयीं। 4 बजे लगी आग को बुझाने के लिए सेना आई और आखिरकार रात करीब 1 बजे इस पर काबू पाया जा सका। हालांकि सतपुड़ा भवन के पश्चिमी हिस्से में सुबह फिर आग की लपटें दिखीं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अब स्थिति पूरी तरह काबू में है। भीषण आग से सतपुड़ा भवन की चार मंजिले खाक हो गई हैं।

जब देर रात तक आग नहीं बुझाई जा सकी थी तो प्रदेश सरकार ने रक्षा मंत्री से एयरफोर्स मांगी लेकिन मदद नहीं मिल सकी। आखिरकार सेना के जवानों ने ही आग बुझाई और रात करीब 12.45 पर वे यहां से रवाना हो गए। इधर रातभर 50 से अधिक वाहन और 300 से अधिक टैंकरों के जरिए पानी ढोने की कवायद जारी रही।

आग लगने के करीब 15 घंटे बाद भी मंगलवार को सुबह करीब 7 बजे भवन में आग की लपटें दिखाई दीं। भवन के पश्चिमी ब्लाक के टावर में आग दिखी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अब डरने की कोई बात नहीं है, कागज जल रहे हैं। कुछ ही देर में आग पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि आग से प्रभावित स्थानों से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया था।

पहली बार बनाया 'रेड कॉरिडोर'
इससे पहले कागजों के कारण आग भड़की और हालत ये हो गई सतपुड़ा की आग बड़वानल बन गई यानि सबसे अधिक प्रबल और भीषण आग। इसे बुझाने के लिए राजधानी में पहली बार 'रेड कॉरिडोर' बनाया गया। आसपास के जिलों से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को बुलाया गया। देर रात तक फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों के 260 से अधिक चक्कर हो चुके थे।

आसपास इतना अधिक पानी का इंतजाम न होने की वजह से सैकड़ों टैँकरों की भी व्यवस्था की गयी। आसपास की झुग्गी बस्ती के लोगों को भी हटने के निर्देश दिए गए। पूरा इलाके धुआं-धुआं हो गया। हर तरफ अफरातफरी का माहौल दिखा। कलेक्टर आशीष सिंह, प्रशासन का पूरा अमला, नगर निगम के अफसर और पूरा अन्य विभागों के कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से डटे रहे।

गनीमत यह रही कि सरकारी कार्यालय के सभी कर्मचारी आग लगने के बाद सुरक्षित बाहर निकल गए थे। इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई। तीसरी मंजिल से शुरु हुई आग छठवें फ्लोर तक देर रात तक धधकती रही। हालत यह हुई कि फायर फाइटरों के चेहरों पर भी थकान दिखी।

आग से सतपुड़ा भवन के करीब 4 फ्लोर खाक हो गए। यहां रखीं 12 हजार फाइलें जल गई हैं।

जांच टीम के सदस्य राजेश राजौरा ने Satpuda भवन आकर आग की स्थिति का प्रारंभिक जायज़ा लिया- इधर गृह विभाग के एसीएस और जांच टीम के सदस्य राजेश राजौरा ने बताया कि Satpuda भवन आकर आग की स्थिति का प्रारंभिक जायज़ा लिया है। सभी मंज़िलों पर आग पर क़ाबू पा लिया गया है पर छठी मंज़िल पर अभी भी धुआं निकल रहा है। इस पर पूर्णतः क़ाबू पाने में firefighters को 2 घंटे का समय लग सकता है। शासन द्वारा गठित जांच समिति आज दोपहर 1 बजे से जांच शुरु करेगी।

इनकी ली मदद
— नगर निगम
— सेना के जवान
— आईओसीएल के कर्मचारी
— बीपीसीएल के कर्मचारी
— एयरपोर्ट के कर्मचारी
— सीआईएसएफ के कर्मचारी
— भेल के कर्मचारी
— मंडीदीप और रायसेन से 7-7 फायर ब्रिगेड